गुजरात में शिक्षा के स्तर पर भाजपा सांसद ने उठाए सवाल
शिक्षा के स्तर पर भाजपा सांसद ने उठाए सवाल
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने गुजरात में शिक्षा के स्तर पर सवाल उठाकर सबको चौका दिया। वसावा ने कहा आदिवासी बहुल नर्मदा समेत गुजरात का शैक्षणिक स्तर नीचे गया है। अपने बयान के पक्ष में उनका यह तर्क है कि गुजरात के गिने-चुने युवा ही आइएएस-आइपीएस बनते हैं। शिक्षा के मुद्दे पर गुजरात पर हमलावर आम आदमी पार्टी (आप) ने इस बयान को हाथों हाथ लिया है। गुजरात के राजपीपला में स्कूल के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए भरुच से भाजपा के सांसद मनसुख वसावा ने कहा कि नर्मदा समेत गुजरात में शिक्षा का स्तर नीचे चला गया है। वसावा -अपने इस दावे की पुष्टि के लिए बताते हैं कि गुजरात से गिने-चुने युवक-युवती ही आइएएस व आइपीएस में चयनित होते हैं। गुजरात के बैंकों में प्रबंधकों के पदों पर एक फीसद से भी कम गुजराती हैं। वसावा ने आदिवासी इलाकों में शिक्षा की स्थिति का वर्णन करते-करते सीधे राज्य के शैक्षणिक स्तर पर ही सवाल उठा दिया। इससे पहले कई बार वे राज्य में अवैध शराब की बिक्री का मुद्दा उठाते हुए शराबबंदी की नीति पर सवाल उठा चुके हैं।
सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने पर ध्यान देः आप
आम आदमी पार्टी के नेता ईशुदान गढवी ने शिक्षा के मुद्दे को हाथों हाथ लेते हुए कहा कि अब तो भाजपा के सांसद ही यह बात कह रहे हैं कि शिक्षा का स्तर नीचे चला गया है। गढवी का कहना है कि आम आदमी पार्टी राज्य में शिक्षा व स्कूल भवनों को लेकर सवाल उठाती है तो शिक्षामंत्री कहते हैं कि जिन्हें यहां अच्छा नहीं लगता वे दूसरे राज्य में बच्चों को लेकर वहां भर्ती करा दें। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से अपील करते हुए आप नेता ने कहा है कि सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने पर ध्यान दे।
कांग्रेस ने गुजरात सरकार पर साधा निशाना
गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा है कि अब तो सरकार को जाग जाना चाहिए, उनकी पार्टी के सांसद वसावा गुजरात के शिक्षा के स्तर पर सवाल उठा रहे हैं। राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार ही 1995 में गुजरात शिक्षा के मामले में देश में 9वें स्थान पर था, जो 2019 में 21वें स्थान पर आ गया है। राज्य के 38 हजार स्कूल में से केवल 14 ए प्लस ग्रेड के हैं तथा 700 स्कूल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।