गुजरात सरकार और अडाणी पावर से समझौते को लेकर भाजपा-कांग्रेस में तीखी बहस, कंपनी को फायदा पहुंचाने का कांग्रेस ने लगाया आरोप
गुजरात सरकार की कंपनी और अडाणी पावर के बीच बिजली खरीद को लेकर संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के मुद्दे पर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने बुधवार को विधानसभा में तीखी बहस की. कांग्रेस विधायकों ने सदन में भाजपा विरोधी नारे लगाए और सत्तारूढ़ दल पर निजी बिजली कंपनी का पक्ष लेने का आरोप लगाया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात सरकार (Gujarat Government) की कंपनी और अडाणी पावर (Adani Power) के बीच बिजली खरीद को लेकर संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के मुद्दे पर सत्ताधारी भाजपा (BJP) और विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) के सदस्यों ने बुधवार को विधानसभा में तीखी बहस की. कांग्रेस विधायकों ने सदन में भाजपा विरोधी नारे लगाए और सत्तारूढ़ दल पर निजी बिजली कंपनी का पक्ष लेने का आरोप लगाया.
कांग्रेस विधायक राजेश गोहिल ने उठाया सवाल
विधानसभा (Gujarat Assembly) में कांग्रेस विधायक राजेश गोहिल द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में, ऊर्जा मंत्री कानू देसाई (Minister Kanu Desai) ने कहा कि गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) ने 2007 में अडाणी पावर के साथ 2.89 रुपये और 2.35 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. देसाई ने कहा कि 2018 में अनुबंध की शेष अवधि के लिए दरों को संशोधित किया गया था और केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने भी नए समझौते को मंजूरी दी थी.
कांग्रेस विधायकों ने जताई आपत्ति
सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस विधायक परेश धनानी ने कहा कि सरकारी पैसों को निजी कंपनियों (Adani Power) से 'महंगी' बिजली खरीदने में खर्च किया जा रहा है. विपक्ष को जवाब देते हुए, ऊर्जा राज्य मंत्री मुकेश पटेल (Minister Mukesh Patel) ने कहा कि राज्य द्वारा संचालित बिजली संयंत्रों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उर्जा मंत्री ने नहीं बताया आंकड़ा
जब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पुंजा वंश ने संशोधित समझौते के तहत अडाणी पावर (Adani Power) को भुगतान की गई राशि जानने की मांग की, तो ऊर्जा मंत्री देसाई ने बिना कोई आंकड़ा बताए कहा कि निजी कंपनी की प्रति यूनिट लागत राज्य द्वारा संचालित कंपनी की ओर से वसूल की जाने वाली दरों से कम है.