राज्य में 2.10 करोड बाइक एवं 39.13 लाख कार, पांच वर्ष में 51 लाख वाहन बढ़े
गुजरात में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के साथ वाहनों की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ रही है। चार वयस्कों परिवार के पास दो से तीन वाहन हैं। खास बात यह है कि हर तीसरे व्यक्ति के पास दोपहिया वाहन है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वाहनों की संख्या तीन करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है, जिससे पता चलता है कि ढाई लोगों पर एक वाहन देखने को मिल रहा है।
दोपहिया वाहनों का क्रेज कम नहीं हुआ है
विभाग की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल वाहनों की संख्या 2,89,81,181 है, जिनमें दुपहिया वाहनों की संख्या 2,10,39,144 है। अब प्रदेश में चार पहिया वाहनों की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। 1989-90 में मोटर कार की संख्या केवल 1,41,584 लाख थी, जो आज बढ़कर 39,13,687 हो गई है। बदलती जीवन शैली के कारण यह संख्या बढ़ रही है। पिछले साल यह आंकड़ा 36.54 लाख था। मोटरकार आने के बाद भी दोपहिया वाहनों का क्रेज कम नहीं हुआ है।
1.03 लाख टैक्सी और 12257 एंबुलेंस
बाजार में बिना गियर वाले वाहनों के आने से दोपहिया वाहनों की संख्या बढ़कर 2.10 करोड़ हो गई है, जो गत वर्ष 2.02 करोड़ थी। जबकि ऑटोरिक्शा की संख्या 9,10,493 से बढ़कर 9,30,824 हो गई है। भारी वाहनों की संख्या 13.74 लाख पर पहुंच गई है। पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कीमतों में दिन-ब-दिन वृद्धि के साथ, दोपहिया वाहन एक सस्ता और आसान साधन माना जाता है। परिवार के सदस्य कम दूरी की सवारी के लिए बाइक पसंद करते हैं। आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि आज हर तीन में से एक व्यक्ति के पास दोचक्रीय वाहन मौजूद है। गुजरात में 1.03 लाख टैक्सीकैब और 12257 एंबुलेंस हैं। पिछले एक साल में गुजरात में वाहनों की संख्या 2.77 करोड़ से बढ़कर 2.89 करोड़ हो गई है।
एक साल में प्रदेश में 12.48 लाख वाहन बढ़े
पिछले एक साल में प्रदेश में 12.48 लाख वाहन बढ़े हैं। अगर यही सिलसिला जारी रहा तो अगले एक साल में वाहनों की संख्या 3 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। हैरान करने वाली बात यह है कि गुजरात में 1961 में केवल 8132 दुपहिया वाहन थे जो 2021-22 में बढ़कर 2.10 करोड़ हो गए हैं। परिवहन आयुक्त द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 में राज्य में कुल वाहनों की संख्या 4.58 लाख थी, जो 10 वर्षों में 1990 में बढ़कर 18.40 लाख हो गई। वाहनों की खरीद में सबसे बड़ा उछाल 2010 में आया और उस साल वाहनों की संख्या एक करोड़ को पार कर गई। आज प्रत्येक ढाई व्यक्ति पर एक वाहन है।