चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ सोमवार आधी रात से बिजलीकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जिस वजह से शहर पूरी तरह अंधेरे में डूब गया है। हालांकि, 36 घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रहने के बाद चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति आंशिक रूप से बहाल कर दी गई हैं। हालांकि, फिर भी शहर के बड़े हिस्से अंधेरे में डूबे हुए हैं। चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के एक अधिकारी ने जनता से रिश्ता से कहा कि बुधवार शाम तक सभी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। अगर यूनियन आधिकारिक तौर पर हड़ताल वापस लेती है और कर्मचारी काम पर लौटते हैं, तो हम इसे दोपहर तक बहाल कर पाएंगे। बिजली गुल होने से शहर भर में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और कोचिंग संस्थान ठप हो गए। निवासियों ने शिकायत केंद्रों से संपर्क नहीं करने की शिकायत की, क्योंकि या तो फोन लाइनें व्यस्त थीं या संबंधित अधिकारियों के मोबाइल फोन बंद थे।
सोमवार आधी रात से बिजली कटौती चंडीगढ़ के नागरिकों का जीना मुहाल कर दी है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से शहर की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सोमवार आधी रात से डीजी सेट के सहारे ऑफिस चल रहे हैं और सभी इंडस्ट्री बंद पड़ी है। जिन क्षेत्रों में बिजली कटौती का सामना करना पड़ा उनमें सेक्टर 20, 34, 36, 40, 42, 44, 49, 36, किशनगढ़ और मनीमाजरा शामिल थे। सोमवार की रात से बिजली गुल होने के कारण केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को वैकल्पिक सर्जरी को पुनर्निर्धारित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा शहर में रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल और कमर्शियल क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। कुछ चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें भी आउटेज के कारण काम नहीं कर रही थी। बिजली कटौती के बाद से घरों में लोगों को मोमबत्ती और दिये जलाकर खाना पकाना पड़ा और टीवी, फ्रिज, मोबाइल, लैपटॉप आदि सब बंद पड़े रहे।
मोबाइल ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने बुधवार को कहा कि केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती से मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी के बाधित होने के बाद ऑपरेटर वैकल्पिक साधनों का सहारा ले रहे हैं। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि चंडीगढ़ शहर के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती हुई है जिससे दूरसंचार टॉवर काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी बाधित हो रही है। चंडीगढ़ में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने निजीकरण की कोशिशों के खिलाफ तीन दिनों की हड़ताल की घोषणा की हुई है। इसकी वजह से शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित चल रही है। कई इलाकों में लोग बिजली के साथ-साथ पानी के लिए भी तरस गए। वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन की व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं।