चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए 15 विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त, दिया गया अहम जिम्मेदारी
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए 15 पूर्व नौकरशाहों को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। चुनाव आयोग ने कहा, इन पूर्व नौकरशाहों को चुनावी प्रक्रिया का अच्छा अनुभव है।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए 15 पूर्व नौकरशाहों को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। चुनाव आयोग ने कहा, इन पूर्व नौकरशाहों को चुनावी प्रक्रिया का अच्छा अनुभव है। वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र वाले राज्यों में चुनाव से जुड़े कार्यो की निगरानी करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि चुनावों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके। चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराने की जिम्मेदारी इनकी होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, हमें उम्मीद है कि वे अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएंगे। सभी पर्यवेक्षक चुनाव आयोग के संपर्क में रहेंगे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति में सूचित करेंगे। हमारा उद्देश्य प्रत्येक मतदाता को मतदान केंद्र पर एक सुरक्षित व स्वतंत्र वातावरण प्रदान करना है।
ये सभी विशेष पर्यवेक्षक चुनावी प्रक्रिया की करेंगे निगरानी
चुनाव निकाय ने कहा कि विशेष पर्यवेक्षक अपने निर्धारित राज्यों में चुनावी मशीनरी द्वारा किए जा रहे कार्यों की निगरानी करेंगे। साथ ही वह यह सुनिश्चित करेंगे कि खुफिया इनपुट और सीविजिल, वोटर हेल्पलाइन आदि के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर सख्त, प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई की जाए। यह अधिकारी स्वतंत्र, निष्पक्ष और मतदाताओं के अनुकूल चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग की आंख और कान के रूप में पूरी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि विशेष पर्यवेक्षकों को तैनात करने का उद्देश्य निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त, शांतिपूर्ण और कोविड प्रोटोकाल के तहत चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव की तैयारियों का निष्पक्ष मूल्यांकन करना है।
मतदाताओं को मतदान के लिए करना होगा प्रोत्साहित
चंद्रा ने बताया कि प्रत्येक चुनाव अपने आप में अद्वितीय है, इसकी चुनौतियां हैं फिर भी मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना होगा। इसलिए विशेष पर्यवेक्षकों को पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान सतर्क रहने और वास्तविक समय के आधार पर आयोग के संपर्क में रहने की जरूरत है और आवश्यक सुधारात्मक उपायों को आयोग के ध्यान में लाना चाहिए।
बता दें कि इस महीने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं।