लोकवाणी में आपकी बात-सीएम भूपेश बघेल के साथ....एंकर के सवाल पर मुख्यमंत्री ने दिया ये जवाब

Update: 2021-01-10 06:43 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में आज युवाओं से रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं द्वारा रिकार्डेड संदेश के माध्यम से साझा किए गए विचारों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की और युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया।एंकर

- सभी श्रोताओं को नमस्कार, जय जोहार।

- नववर्ष 2021 में लोकवाणी की पहली और अब तक की चौदहवीं कड़ी में माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी और आप सभी श्रोताओं का हार्दिक स्वागत है।

- वर्ष 2020 को कोरोना की त्रासदी और आर्थिक मंदी के कारण बहुत खराब समय माना गया। पूरी दुनिया को वर्ष 2020 के जाने का बेसब्री से इंतजार था।

- वर्ष 2021 बहुत से कारणों से, नई उम्मीदों का नया वर्ष बनकर आया है।

- माननीय मुख्यमंत्री जी, यह वर्ष, उमंगों और उपलब्धियों का नया वर्ष साबित हो। इसके लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- आप सबको नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं।

- निश्चित तौर पर पिछला साल बहुत बड़ी चुनौतियों और दुखों के साथ बीता है।

- वर्ष 2020 में कोरोना/कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया में अनेक परिवारों को अपने प्रियजनों से बिछड़़ना पड़ा।

- नौकरी, व्यापार, व्यवसाय तथा भिन्न-भिन्न आजीविका के साधनों पर कोरोना महामारी का बहुत घातक आघात रहा।

- कोरोना संकट के कारण पूरी दुनिया में जो समस्याएं आयी हैं, उससे हमारा प्रदेश भी कुछ हद तक प्रभावित हुआ है।

- छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का मुकाबला किया।

- आप सबकी बदौलत ही छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में भी बहुत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को ख्याति मिली।

- हमारी उपलब्धियों के पीछे एक बहुत बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है।

- नए वर्ष की इस पावन बेला में आप सबको बहुत बधाई, शुभकामनाएं और साधुवाद।

- निश्चित तौर पर आप सबके जज्बे की बदौलत हम छत्तीसगढ़ को प्रगति, खुशहाली और समृद्धि के जिस रास्ते पर ले जा रहे हैं, उसमें सफल होंगे।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, दो दिन बाद 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

- इसलिए लोकवाणी की यह कड़ी युवाओं को समर्पित है, नौजवानों पर केन्द्रित है। इसके बारे में विगत प्रसारण में ही घोषणा कर दी गई थी।

- हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारे युवा साथियों ने बहुत बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई है।

- माननीय मुख्यमंत्री जी, इस अवसर पर आपके विचार जानने के लिए हमारे युवा साथी काफी उत्सुक हैं।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- सबसे पहले मैं स्वामी विवेकानंद जी को, उनके जन्मदिन के अवसर पर, प्रदेश की जनता की ओर से नमन करना चाहूंगा।

- स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था।

- उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त एक प्रसिद्ध अधिवक्ता थे।

- उनकी माता धार्मिक विचारों वाली घरेलू महिला थीं।

- स्वामी विवेकानंद के सामने अपने पिता के रास्ते पर आगे बढ़ने का एक आसान, सुखद और समृद्धि से भरा विकल्प था, लेकिन उनका मन मानव जाति की सेवा में रमा।

- बहुत छोटी-सी आयु में ही वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए और वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान के शिखर की ओर बढ़ चले।

- 11 सितम्बर 1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई।

- स्वामी विवेकानंद को युवाओं का आदर्श माना गया। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत में 'राष्ट्रीय युवा दिवस' का आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ था।

- इस तरह हमने स्वामी विवेकानंद को युवाओं के प्रेरणा स्रोत के रूप में आत्मसात किया है।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, स्वामी विवेकानंद जी की वह कौन सी सीख है, जिसके बारे में आप हमारे युवा साथियों को बताना चाहेंगे?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- स्वामी विवेकानंद ने विभिन्न धर्मों की आपसी प्रतियोगिता व वैमनस्यता के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया था। उन्होंने आडम्बरों का मुखर विरोध किया था। वे अपनी सारी चेतना और शक्ति को मानव के उत्थान में ही लगाने में विश्वास करते थे और इसी की सीख देते थे।

- शिकागो की प्रसिद्ध विश्व धर्मसंसद में स्वामी जी ने कहा था कि उन्हें ऐसे धर्म पर गर्व है, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाई है। हम सभी धर्मों को सच मानते हैं। उन्हंे एक ऐसे देश से संबंधित होने पर गर्व है, जिसने सभी धर्मों और पृथ्वी के सभी देशों के पीड़ितों और शरणार्थियों को शरण दी है।

- उन्होंने कहा था कि वह शिक्षा जो जीवन के संघर्ष के लिए खुद को तैयार करने में मदद नहीं करती है, जो चरित्र की ताकत, परोपकार की भावना और एक शेर की हिम्मत को बाहर नहीं लाती - वह सही शिक्षा नहीं है।

- वास्तविक शिक्षा वह है, जो किसी को अपने दम पर खड़ा करने में सक्षम बनाती है। छात्रों को चरित्र और मानवीय मूल्य सिखाती है।

- आज मैं स्वामी जी के शब्दों में ही युवाओं का आह्वान करता हूं-'एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों और शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भरा होने दो। दूसरे विचार को अकेला छोड़ दो। यह सफलता का मार्ग है।'

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, पहले भी हमने कई बार सुना है कि आप अपनी किशोरावस्था से ही स्वामी विवेकानंद से बेहद प्रभावित थे। स्वामी आत्मानंद जी की सेवा और सानिध्य का आपको खूब अवसर मिला और इस वजह से आप रामकृष्ण मिशन से भी जुड़े रहे।

- इस विषय में हमारे युवा साथियों को बताने का कष्ट करें। साथ ही आज का जो युवा समाज छत्तीसगढ़ में है, उसके बारे में आपके क्या विचार हैं?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- बिल्कुल सही कहा आपने। रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद, स्वामी आत्मानंद मेरे मन में बचपन से बसे थे।

- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए।

- पंडित जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि युवाओं को चाहिए कि वे विवेकानंद को बार-बार पढं़े, उनकी बुद्धिमत्ता, जोश और विवेक से नई पीढ़ी को काफी मदद मिलेगी।

- हमने सुना ही नहीं बल्कि देखा भी है कि किस तरह से स्वामी विवेकानंद के रास्ते पर चलते हुए आप व्यापक हो जाते हैं। जाति-धर्म का ख्याल छोड़कर सिर्फ मनुष्यता को समझने लगते हैं।

- मुझे छत्तीसगढ़ के युवाओं को देखकर यही लगता है कि उनमें गांधी-नेहरू-स्वामी विवेकानंद का असर है।

- स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं।

- जहां तक हमारे छत्तीसगढ़ी युवाओं का सवाल है तो मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आप लोग हर मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं।

- बहुत दूर नहीं, हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें स्थान पर रही हैं।

- बिलासपुर के वर्णित नेगी तेरहवें स्थान पर रहे। भिलाई की सिमी करण सहित उमेश गुप्ता, आयुष खरे, योगेश पटेल, प्रसून बोपचे जैसे युवाओं ने एक सिलसिला बना दिया है।

- वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के तनय राज ने नीट में अपना करतब दिखाया।

- ऐसे बहुत से हमारे युवा साथी हैं, जो लगातार अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और बड़ी-बड़ी सफलता हासिल कर रहे हैं।

- हमारे युवाओं ने अपने कार्यों से यह साबित किया है कि बस थोड़ी सुविधा, थोड़ी जतन चाहिए। वे उड़ान भरने को तैयार हैं।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपने जिन प्रतिभाओं का नाम लिया, उनमें से एक नम्रता जैन भी हैं। यूपीएससी परीक्षा में बारहवीं रैंक हासिल करके जिन्होंने साबित किया था कि छत्तीसगढ़ के युवा अब वह कर रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ। इसके अलावा भी कुछ अचीवर हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धमक दिखाई है। आइए सुनते हैं उनकी ही आवाज में उनके विचार....

1 नम्रता जैन, जिला- दंतेवाड़ा

माननीय मुख्यमंत्री जी, मैं नम्रता जैन, आपका अभिवादन करती हूं कि आपने लोकवाणी की यह कड़ी युवाओं पर केंद्रित की है।

सर, आज मैं दंतेवाड़ा की या छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल की, दुर्गम क्षेत्र की उस लड़की के रूप में अपनी बात कह रही हूं जिसकी आंखों में सपने तो हैं लेकिन कहीं न कहीं साहस की कमी आड़े आ जाती है।

सर, मैं इस मंच पर कहना चाहती हूं कि बस्तर सहित राज्य के हर अंचल में भरपूर प्रतिभाएं हैं। मैंने साहस किया तो अचीव किया। आज राज्य में ऐसा वातावरण है कि मेरे युवा साथी संकल्प लें तो उन्हें पूरा करने में शासन-प्रशासन, परिवार, मित्र सभी की मदद मिलती है और हमारा जुनून बढ़ता जाता है। मेरा मानना है कि हमारे युवा साथी निश्चय करें, ठान लें, पूर्ण रूप से सोच लें तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे युवा साथी बड़ी संख्या में स्टेट कैडर में भी आएंगे और देश के अन्य राज्यों में भी सेवाएं देंगे। अखिल भारतीय सेवाओं में छत्तीसगढ़ी युवाओं का दम-खम दिखे, अब वह समय आ गया है।

मुझे आपके समक्ष बोलने का अवसर मिला, इसके लिए धन्यवाद माननीय मुख्यमंत्री जी एवं लोकवाणी। छत्तीसगढ़ की बेटी होकर मुझे अपने राज्य में आई.ए.एस. ऑफिसर के रूप में सेवा का अवसर मिला, यह गौरव सबके साथ शेयर करने का आशय यही है कि इससे मोटिवेशन का सिलसिला निरंतर बना रहे, धन्यवाद।

2 पूनम वासन, जिला-बीजापुर

आदरणीय मुख्यमंत्री जी, जोहार, मैं पूनम वासन हूँ, बीजापुर से। मैं मूलतः कवयित्री तथा शिक्षिका हूँ। आदिवासी विमर्श की कविताएँ लिखती हूँ। माननीय मुख्यमंत्री जी, छŸाीसगढ़ आदिवासी बहुल क्षेत्र है। कई भाषाएँ, विभिन्न लोक संस्कृतियाँ और रीति रिवाज यहाँ के आम जनजीवन और साहित्य रचना के केन्द्र बिन्दु में रहे हैं। हमारे यहाँ के लेखक जो छŸाीसगढ़ के पर्यटन और लोक संस्कृति को विश्वपटल पर एक नई पहचान के साथ सामने ला रहे हैं। मैं जानना चाहती हूँ कि सरकार इन युवा लेखकों के प्रोत्साहन हेतु किस तरह की नवीन योजनाएं सामने ला रही है? सादर जोहार। धन्यवाद

3 महेश्वर कुमार साहू, ग्राम-कण्डेल, जिला- धमतरी

आदरणीय सीएम सर जी नमस्ते। मैं महेश्वर कुमार साहू, ग्राम- कण्डेल, जिला-धमतरी का रहने वाला हूं। हम लोग ग्राम कण्डेल में विगत एक वर्ष से पिछड़े हुए समुदाय के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसमें सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल के बच्चे आ रहे हैं, जिसमें इस साल प्राइवेट स्कूल के 20 बच्चे सरकारी स्कूल में प्रवेश लिए हैं। हमने देखा है कि ग्राम कण्डेल में आपके द्वारा गांधी विचारधारा पदयात्रा करने के बाद गांव में काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिला है। हम लोग चाहते हैं कि आपका पुनः आगमन गौरव ग्राम कण्डेल में हो और हमें गौरवान्वित करें।

4 ऋषिराज पाण्डेय

माननीय श्री भूपेश बघेल जी को मेरा नमस्कार श्रीमान। मेरा नाम ऋषिराज पाण्डेय है। मैं गायक और गीतकार हूं। श्रीमान, हम देखते हैं कि हमारे छŸाीसगढ़ में गायन, वादन, नृत्य के क्षेत्र में बहुत-सी ऐसी प्रतिभाएं हैं, जिनके पास यहां ऐसा कोई मंच नहीं है, जहां वो अपने हुनर को दिखा सकें। उन्हें अपनी प्रतिभा को सामने लाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- नम्रता जी, पूनम वासन जी, महेश्वर जी, ऋषिराज जी।

- मुझे अच्छा लगा कि आप लोगों ने न सिर्फ स्वयं कुछ हासिल किया है बल्कि अन्य युवाओं को आगे बढ़ाने के बारे में भी अपनी सोच रखी है। आपने कला और संस्कृति के बारे में चर्चा की।

- निजी तौर पर आप लोगों ने जो प्रयास किए, साधना की और जो उपलब्धियां हासिल की है, उसके लिए बहुत बधाई।

- एक मंच की बात आप लोगों ने की है तो मैं बताना चाहता हूं कि हमारी सरकार ने पहली बार छत्तीसगढ़ में 'छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद' के गठन का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी और लोककला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी आदि संस्थाएं काम करेंगी।

- हमारा प्रयास है कि यह काम जल्दी से आगे बढ़े ताकि आप लोगों को सही मंच, मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन मिल सके।

- इसके अलावा साहित्यकारों, कलाकारों और उनके परिवारजनों को सहायता देने के अनेक प्रावधान भी हैं। हमने स्थानीय कला-संस्कृति को महत्व देते हुए यह कोशिश की है कि हमारे स्थानीय कलाकारों को भरपूर अवसर मिले।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, छत्तीसगढ़ के विशाल क्षेत्रफल में ग्रामीण और वन अंचल बहुतायत में हैं, जहां आधुनिक सुविधाओं की कमी है। आपकी सरकार ने विगत दो वर्षों में खेल अधोसंरचना तथा सुविधाओं के विकास की दिशा में बहुत से नए कदम उठाए हैं।

- हम देख रहे हैं कि हमारे युवा खिलाड़ी लगातार बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में जा रहे हैं और पदक लेकर लौट रहे हैं।

- छत्तीसगढ़ के बेटे-बेटियों ने अलग-अलग खेलों में राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक प्राप्त किए हैं। उनमें से कुछ युवाओं का नाम लेना चाहूंगा-

- धमतरी के दीपेश कुमार सिन्हा का भारतीय वालीबॉल टीम में तथा भिलाई के शिखर सिंह का जूनियर वालीबॉल टीम में चयन हुआ।

- भारतीय बैडमिंटन टीम में कुमारी आकर्षि कश्यप, संयम शुक्ला, कुमारी जूही देवांगन और गौरव वेंकट प्रसाद का चयन हुआ।

- रोलबॉल में कुमारी सृष्टि वर्मा, श्री चमन जैन, सायकल पोलो में कुमारी योगिता साहू, कुमारी ऐश्वर्या अग्रवाल, पैरा तीरंदाजी में श्री गिरवर सिंह ने स्वर्ण पदक हासिल किया। वहीं आदित्य कुमार कुर्रे सायकल पोलो वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए भारतीय दल में चुने गए।

- वेटलिफ्टिंग में राजनांदगांव की ज्ञानेश्वरी यादव तथा मिथिलेश सोनकर ने, रायपुर के सुभाष लहरे ने राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की भारोत्तोलन प्रतियोगिता में पदक हासिल किया है।

- कुमारी नेहा यादव, डी. पार्थ, भाविका रामटेके, कुमारी अनामिका गहलावत, जगदीश विश्वकर्मा, अनीशा नायर, अयंका बांधे, कुमारी वनशिका वर्मा, आकाश सिंह, आदित्य सिंग, काजी तौफीक हमजा, गौरव प्रजापति, कुमारी अंजली अग्रवाल, सविता सिंह ने विभिन्न खेलों में कांस्य पदक, रजत पदक हासिल कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।

- ऐसा लगता है कि हमारे युवा खिलाड़ियों की उपलब्धियों से छत्तीसगढ़ का आसमान जगमगाने लगा है।

- माननीय मुख्यमंत्री जी, सरकार किस तरह इन युवाओं को प्रोत्साहित करेगी? इस संबंध में आपके विचार बहुत महत्वपूर्ण हैं।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- दीपेश कुमार सिन्हा, शिखर सिंह, आकर्षि और आप सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

- मैंने नारा दिया था, 'खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़।'

- हमें पता है कि विरासत में हमें बेहद कमजोर खेल अधोसंरचना मिली है, वहीं खिलाड़ियों को भी बहुत से अभावों से जूझना पड़ता था। इसलिए हमने 'छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण' का गठन किया।

- पहले जो नाम मात्र की तथा असंगत अधोसंरचनाएं बन गई थीं, उसमें सुधार का अभियान छेड़ा।

- अब देखिए कि कम समय में ही हमने प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं जुटाने का काम शुरू कर दिया है।

- हॉकी, फुटबाल, बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है।

- अब 'खेलो इंडिया योजना' के तहत रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की आवासीय हॉकी अकादमी तथा बिलासपुर में तीरंदाजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। बिलासपुर में तीरंदाजी, हॉकी और एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय अकादमी, जगदलपुर में फुटबॉल तथा रनिंग सिंथेटिक टर्फ ग्राऊंड, अम्बिकापुर इंडोर हॉल की मंजूरी प्राप्त की गई है, जिससे अधोसंरचना विकास में तेजी आएगी।

- खिलाड़ियों की पुरस्कार राशियों में तथा अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है।

- प्रदेश के सभी नगरीय-निकायों तथा पंचायतों में 'राजीव युवा मितान क्लब' का गठन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से युवाओं के सर्वांगीण विकास का कार्य किया जाएगा।

- हमारी योजना है कि प्रत्येक जिले में स्थानीय विशेषता के अनुसार प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित की जाएं और उसमें उद्योगों की मदद भी ली जाए।

- मुझे तो विगत वर्ष मनाए गए युवा महोत्सव की याद आ रही है, जिसमें ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक युवाओं ने भाग लिया था और हजारों युवा साथी राज्य स्तरीय प्रदर्शन के लिए रायपुर आए थे। इस वर्ष कोरोना के कारण वैसा आयोजन नहीं हो पा रहा है, लेकिन हम प्रयास करेंगे कि भविष्य में कोई बड़ा आयोजन हो।

- युवाओं के आपस में मिलने-जुलने, साथ में खेलने, कूदने, गाने, नाचने, और प्रतिभाओं के विनिमय से जो भाईचारा और ऊर्जा उत्पन्न होती है। वही राज्य की असली ताकत बने, इसके लिए हम बहुत से प्रयास करेंगे।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, सरगुजा के दो युवाओं सौरव गुप्ता और वैभव सिंह सेंगर ने फिल्म जगत के बड़े प्रतिष्ठित आइफा अवार्ड पर अपना नाम लिखाया है। इन दोनों होनहार युवा संगीतकारों ने एक नई फिल्म 'सोनू के टीटू की स्वीटी' में संगीत दिया था और इन्हें आइफा विजेता होने का गौरव मिला है। इन युवाओं ने हमारे राज्य के इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से संगीत में एम.ए. किया है। इसी प्रकार हमारे रायपुर के युवा साथी मुकुल गाइन, सोनी टीवी के अत्यंत लोकप्रिय डांस शो में हिस्सा लेकर उप विजेता बने हैं। आइए सुनते हैं इस युवा अचीवर की आवाज।

1 मुकुल गाइन-

नमस्कार, मैं हँू आपका मुकुल गाइन फ्रॉम इंडिया बेस्ट डांसर सोनी टी.वी. और मैं रायपुर, छŸाीसगढ़ का रहने वाला हूँ। आप सभी की शुभकामनाओं की वजह से मैं फर्स्ट रनरअप रह चुका हूँ इंडिया बेस्ट डांसर में। मुझे खुशी है कि मैं छŸाीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी से लोकवाणी कार्यक्रम के माध्यम से बात कर पा रहा हूँ। छŸाीसगढ़ के सभी युवाओं से यह कहना चाहता हँू कि हमारे राज्य में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ हमारे युवा अलग-अलग फील्ड में भी छŸाीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। खासतौर पर कल्चर एक्टीविटी में छŸाीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने तीज-त्यौहार मनाने की जो परम्परा शुरू की है, उससे राज्य में हरियाली, तीज जैसे त्यौहार से छŸाीसगढ़ियों के मन में आत्मनिर्भरता बढ़ गई है और इस कल्चर एक्टीविटी और फोक आर्ट को बढ़ावा मिल रहा है। मैं इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद बोलना चाहता हूँ। धन्यवाद मुख्यमंत्री जी।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- सौरव, वैभव, मुकुल को बहुत-बहुत बधाई।

- आपके माध्यम से मैं उन सभी युवा प्रतिभाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने छत्तीसगढ़ का नाम ऊंचा किया है। मैं चाहता हूं कि आप लोग इसी तरह लगातार काम करते रहें और सफलताएं हासिल करते रहें, इसके लिए मेरी शुभकामनाएं।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, छत्तीसगढ़ के लोकजीवन में बसे परंपरागत कौशल को निखारने और उसे आजीविका से जोड़ने के लिए आपके मौलिक प्रयासों की खूब चर्चा होती है। नहीं तो इस समय में कौन सोच सकता था कि 'पौनी पसारी बाजार' पुनर्जीवित होगा या कौशल विकास के नए आयाम स्थापित होेंगे? आइए सुनते हैं कुछ श्रोताओं के विचार और फिर आपका जवाब।

1 अन्नू शुक्ला पति श्री भूपेन्द्र शुक्ला जिला- बिलासपुर

माननीय मुख्यमंत्री जी को मेरा सादर नमस्कार एवं जय जोहार। मैं अन्नू शुक्ला पति श्री भूपेन्द्र शुक्ला, बिलासपुर जिले के रतनपुर की निवासी हूं। हमारे घर की आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर है, इस वजह से मैंने कुछ काम करने की इच्छा जाहिर की। मैंने निःशुल्क कोर्स असिस्टेंट हेयर स्टाइलिंग में प्रवेश लिया और 4 माह का प्रशिक्षण पूर्ण करके अपनी शिक्षा कम्प्लीट की। आत्मनिर्भर बन चुकी हूं। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद करना चाहती हूं एवं जिला कौशल विकास प्राधिकरण बिलासपुर को, जिसके कारण मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत निःशुल्क प्रशिक्षण मिला और हम लोग इस काबिल बन सके हैं कि अपने परिवार के लिए कुछ कर सकें। मैं चाहती हूं कि यह प्रशिक्षण योजना इसी तरह हमेशा चलती रहे ताकि आगे आने वाले जो भी युवक हैं, युवतियां हैं, वे अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बनें और अपने जितने भी परिवार हैं, उनकी स्थिति सुधार सकें, धन्यवाद।

2 शिबा साहू, ग्राम-मंदिरहसौद

शिबा साहू, ग्राम मंदिरहसौद- मैं मुख्यमंत्री द्वारा प्रसारित लोकवाणी कार्यक्रम को हमेशा सुनती हूं जो ज्ञानवर्धक रहता है। इस बार मुख्यमंत्री जी का युवाओं के साथ संवाद है तो मैं समस्त युवाओें की ओर से माननीय मुख्यमंत्री जी से यह प्रश्न पूछना चाहती हूं कि मैं मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना लाइवलीहुड कॉलेज के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी जो कि कोविड-19 की वजह से रुक गया है और उसकी परीक्षाएं भी स्थगित हो गई हैं तो यह पुनः प्रारम्भ कब होगा?

3 भावेश गावड़ी-

सर मेरा नाम भावेश गावड़ी है। मैंने कौशल विकास के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस प्रशिक्षण केन्द्र के जरिए सर मुझे जॉब प्राप्त हुआ है। तो मेरा यह सवाल था सर कि कौशल विकास प्रशिक्षण कब से स्टार्ट हो सकता है? मेरे दोस्तों को ज्वाइन करना था। सर मैं रायपुर छŸाीसगढ़ से बात कर रहा हूँ।

4 राधा यादव, धरमपुरा-

राधा यादव धरमपुरा से। मैंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से कोर्स किया है। सर ये कोर्स कब से स्टार्ट होने वाला है? मेरे भाई-बहन को भी करवाना है।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- अन्नू जी, शिबा जी, भावेश जी, राधा जी और साथियों। मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप लोगों ने प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का काम शुरू कर दिया है। उसे बढ़ा भी रहे हैं और इस बात की चिंता भी कर रहे हैं कि और युवा साथी इस प्रशिक्षण का लाभ लें।

- मैं आपको बताना चाहता हूं कि कोरोना संक्रमण को लेकर केन्द्र सरकार की जो गाइडलाइन स्कूल, कॉलेज, कोचिंग तथा अन्य प्रशिक्षण संस्थानों को लेकर है, वही मुख्यमंत्री कौशल प्रशिक्षण योजना पर भी लागू है।

- कक्षा में भीड़ और एक दूसरे को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए ही रोक लगाई गई है और किसी भी तरह की समस्या नहीं है।

- इस योजना को बेहतर ढंग से चलाने के लिए हमने अगस्त 2019 को नई गाइडलाइन जारी की, जिसके तहत बाजार की मांग और आधुनिक तकनीकी पर आधारित प्रशिक्षण शुरू किया गया।

- मुझे खुशी है कि दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण लिया है, जिसमें से लगभग 23 हजार युवाओं ने अपना काम शुरू कर दिया है।

- आपकी सहूलियत के लिए हमने 'रोजगार संगी मोबाइल एप' शुरू किया, जो प्रशिक्षित युवा और नियोक्ता के बीच पुल का काम कर रहा है।

- कोरोना के कारण जो प्रवासी श्रमिक वापस लौटे उनमें से 2 लाख 14 हजार लोगों की स्किल मैपिंग करके उनके प्रशिक्षण और रोजगार की व्यवस्था की जा रही है।

- जैसे ही कोरोना का असर कम होगा या इसकी गाइडलाइन इजाजत देगी, वैसे ही हम जल्दी से जल्दी कौशल प्रशिक्षण शुरू करने की व्यवस्था करेंगे।

- आप लोगों ने ध्यान दिलाया इसके लिए धन्यवाद। हम एक बार और विचार करेंगे कि किस तरह सुरक्षित ढंग से यह प्रशिक्षण शुरू किया जा सकता है।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, हमारे बहुत से युवा साथी शासकीय सेवाओं में चयन को लेकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। आइए सुनते हैं उनके विचार।

1 किरण गायकवाड़-मंदिर हसौद

किरण गायकवाड़, मंदिर हसौद-मैं आकाशवाणी द्वारा प्रसारित माननीय मुख्यमंत्री के लोकवाणी कार्यक्रम को हमेशा सुनती हूं, बहुत ही ज्ञानवर्धक है। इस बार माननीय मुख्यमंत्री जी युवाओं को अपनी बातें रखने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। महोदय से मेरा यह प्रश्न है कि इस वक्त युवाओं को बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। उनको कई रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है। क्या सरकार इस बार कोई नई योजना ला रही है, जिससे युवाओं को विशेष लाभ प्राप्त हो?

2 शिव कुमार साहू, पार्वती नगर-रायपुर

शिव कुमार साहू, पार्वती नगर, रायपुर। सिविल कॉन्ट्रेक्टर का रजिस्ट्रेशन करवाना है वह कहां पर होगा? हम लोगों के लिए क्या प्रावधान हैं ?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, बहुत से ऐसे युवाओं में यह जिज्ञासा है कि उन्होंने जिन पदों के लिए परीक्षा दी थी और उनकी नियुक्ति का मामला अभी प्रक्रिया में है, उन्हें नियुक्ति पत्र कब मिलेगा? आयुर्वेद फार्मासिस्ट, स्कूलों में शिक्षकों और ग्रंथपाल की भर्ती, कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में हमारे बहुत सारे युवाओं ने सवाल किए हैं।

1 मुकेश कुमार चौधरी, जिला-बलौदाबाजार

मुकेश कुमार चौधरी, जिला-बलौदाबाजार-माननीय मुख्यमंत्री जी से ये सवाल है कि शिक्षक भर्ती अभी तक चल रही है। दो साल पूरे होने को है, उन सब को नियुक्ति कब तक मिल पायेगी?

2 प्रशांत कुमार साहू, ग्राम गिद्या, जिला-जांजगीर-चांपा

प्रशांत कुमार साहू, ग्राम गिद्या, जिला जांजगीर-चांपा, हम लोग आयुर्वेद फार्मासिस्ट के विद्यार्थी हैं, हम लोगांे का 4 नवम्बर 2019 में एक्जाम हुआ था, उसमें अभी तक भर्ती नहीं हो पायी है। मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि हमारी भर्ती जल्द से जल्द कराएं।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- मुकेश जी, प्रशांत जी, ओमप्रकाश जी तथा अन्य साथियों।

- आपने जिन पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं दी हैं, उनमें कहीं कोर्ट केस या प्रक्रियागत बाधाओं के कारण तकलीफें थीं, जिनका उचित ढंग से निराकरण किया जा रहा है।

- बहुत से प्रकरणों में तो मामला वेरीफिकेशन तक पहुंच गया है, हमारा प्रयास है कि जितनी जल्दी हो सके, नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं।

- इस संबंध में मैंने विभिन्न विभागों को निर्देश दे दिए हैं।

- साथियों, मैं एक बार फिर यह कहना चाहूंगा कि आप लोगों ने जिस तरह से धैर्य बनाए रखा है, वह काबिले-तारीफ है। छत्तीसगढ़ में युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है।

- मैं चाहूंगा कि आपकी प्रतिभा को संवारने और आपको बेहतर आजीविका दिलाने के हमारे अभियान में कहीं कोई कसर नहीं रहेगी। हम सबको मिलकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ना है। आप अपनी क्षमता, दक्षता, रुचि, स्थानीय जरूरतों, अपने गांवों और समाज को ध्यान में रखते हुए लगन के साथ अपना लक्ष्य हासिल करने में जुटे रहिए। शासकीय सेवाओं के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में भी अवसर बाहंे पसारे आपका इंतजार कर रहे हैं।

- मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हमारे युवाओं के योगदान से छत्तीसगढ़ में अब गांव और शहर की दूरियां घट रही हैं।

- कोरोना काल की गंभीर चुनौतियों का सामना करने में युवाओं की भागीदारी से एक नया विश्वास जागा है।

- हमारे युवा साथी सिर्फ जोश से ही नहीं बल्कि करूणा, दया और विवेक के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

- छत्तीसगढ़ की तरूणाई, नई अंगड़ाई लेकर उठ खड़ी हुई है। जो हम सबके सुरक्षित और सुखद भविष्य का संकेत है।

- आप सबको कोटि-कोटि शुभकामनाएं।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- किरण जी, शिव कुमार जी, बहुत अच्छा सवाल किया आपने।

- वह जमाना गया जब सिर्फ सरकारी नौकरी को ही रोजगार माना जाता था। अब तो बहुत से काम और बहुत सी नौकरियों को सरकारी नौकरी से बेहतर माना जाता है।

- यही वजह है कि हमने प्रदेश में ऐसे विकास कार्यों या योजनाओं को अपनाया है, जिसमें युवाओं की भागीदारी बड़े पैमाने पर हो।

- कृषि, वानिकी, इनके उत्पादनों का प्रसंस्करण, नई उद्योग नीति आदि के माध्यम से हमने सर्वांगीण विकास/चौतरफा विकास की रणनीति अपनाई है, ताकि छोटे-बड़े हर स्तर पर लोगों को काम मिले।

- अब देखिए कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के कारण भी गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर बने हैं।

- मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हम एक रास्ता बनाते हैं तो उसमें से दस रास्ते लोग अपनी सोच, समझदारी और प्रतिभा से बना लेते हैं।

- गोबर हमारी पूरी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केन्द्र में तो आ ही गया है, लेकिन अब इससे बनने वाले कलात्मक उत्पादों के लिए राज्य से लेकर दिल्ली तक मार्ट खुल जाना एक नई तरह की क्रांति है। क्योंकि ऐसा कोई भी काम होता है, तो उसमें रोजगार के अवसर समाहित रहते हैं।

- नई उद्योग नीति से नए उद्योग लगने की पहल हो रही है तो उसमें भी करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बन गई है।

- सिर्फ नए उद्योगों में ही लगभग दो साल में 15 हजार लोगों को रोजगार मिल गया है।

- गांव से लेकर सरकारी नौकरी और उद्योगों तक, जब हम समग्र रूप में देखते हैं तो पाते हैं कि प्रदेश की बेरोजगारी दर देश की बेरोजगारी दर की आधी भी नहीं है।

- दो वर्ष पहले 22 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी दर अब घटकर 2 से 4 प्रतिशत के बीच आ रही है।

- जहां तक ई-श्रेणी पंजीयन का सवाल है तो यह भी हमारी एक नई पहल है।

- हमने यह व्यवस्था की है कि बेरोजगार युवा यदि स्नातक इंजीनियर हैं तो इन्हें ई-श्रेणी में एकीकृत पंजीयन कर ब्लॉक स्तर पर 20 लाख तक के कार्य दिए जाएं। इन्हें एक वर्ष में अधिकतम 50 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।

- वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण युवाओं को भी ई-पंजीयन की सुविधा दी गई है, ताकि वे भी निर्माण कार्यों में सीधी भागीदारी निभा सकें।

- इसके अलावा बेरोजगार डिग्रीधारी/डिप्लोमाधारी/राज मिस्त्री को भी आसानी से रोजगार दिलाने के लिए पृथक से निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत स्नातक इंजीनियरों को एक बार में 50 लाख तक और वर्ष में 2 करोड़ रू. तक का दिया जाएगा।

- डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को एक बार में 25 लाख रू. तक तथा वर्ष में अधिकतम एक करोड़ रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।

- राज मिस्त्रियों को एक बार में 15 लाख रू. तथा वर्ष में अधिकतम 60 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।

एंकर

- अब लोकवाणी का आगामी प्रसारण 14 फरवरी, 2021 को होगा। जिसका विषय होगा ''उपयोगी निर्माण, जनहितैषी अधोसंरचनाएं आपकी अपेक्षाएं''। इस विषय पर 27, 28 एवं 29 जनवरी, 2021 को फोन नम्बर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके आप अपने विचार, सुझाव, सवाल रिकार्ड करा सकते हैं।

Tags:    

Similar News

-->