Dantewada. दंतेवाड़ा। बस्तर संभाग, खासकर दंतेवाड़ा जिले में, नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों ने निर्णायक संघर्ष किया है। 2024 में इस युद्ध में सुरक्षाबल माओवादियों पर पूरी तरह हावी रहे हैं। इस दौरान कई नक्सलियों के एनकाउंटर हुए, गिरफ्तारियां की गईं, और कई माओवादियों ने स्वयं सामने आकर हथियार डाले। इसी कड़ी में, एक माओवादी नेता सुधरू कश्यप ने दंतेवाड़ा के एसपी के सामने आत्मसमर्पण किया। सुधरू कश्यप पर पुलिस ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। आत्मसमर्पण करने वाले को राज्य की पुनर्वास योजना का लाभ भी मिलेगा। फिलहाल, उससे पूछताछ की जा रही है, ताकि नक्सल गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की जा सके। हालांकि, इस सकारात्मक घटनाक्रम के बीच, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों ने 5 से 23 दिसंबर के बीच बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में 10 लोगों की हत्या की है। नक्सली
इन मृतकों में 3 भाजपा कार्यकर्ता और 1 आंगनबाड़ी सहायिका भी शामिल हैं। इस बीच, माओवादियों ने एक दिन पहले बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में 4 और लोगों की हत्या की। नक्सलियों ने इन हत्याओं का आरोप पुलिस के मुखबिरी पर लगाया है। अब तक, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से नक्सलियों द्वारा कुल 1800 लोगों की हत्या की जा चुकी है, जिसमें सबसे अधिक घटनाएं बीजापुर जिले में हुई हैं। इन हत्याओं में अधिकांश लोगों को नक्सलियों की जन अदालत में मार डाला गया। बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में एक ही दिन में चार लोगों की हत्या कर दी गई। बीजापुर जिले के रेड्डी गांव के एक युवक, मुकेश को बाजार से अगवा किया गया, और बाद में उसकी हत्या कर उसका शव झाड़ियों में फेंक दिया गया। इसी तरह, बीजापुर जिले के कोरचोली में नक्सलियों ने जन अदालत का आयोजन कर लखमू पोटाम और एक अन्य युवक की हत्या कर दी। हालांकि, नक्सलियों के आतंक के कारण इन घटनाओं के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराने का साहस नहीं जुटाया।