जिले में मनाया गया विश्व मलेरिया दिवस, मच्छरों से बचाव पर हुआ विविध कार्यक्रम
छग
बलौदाबाजार। आज के दिन 25 अप्रैल को पूरे विश्व में मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का थीम टाइम टू डिलिवरी जीरो मलेरिया: इनवेस्ट, इनोवेट, इंप्लीमेंट. निर्धारित था। जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम पी महिस्वर ने बताया की इस अवसर पर मलेरिया के प्रति जागरूकता लाने के लिए कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश पर जिला मुख्यालय, विकासखंड व ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार व जागरूकता की गतिविधियों के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें पोस्टर, नारे, बैनर, वेलनेस केंद्रों पर मितानिन समूह की बैठक आयोजित करते हुए जन समुदाय को मलेरिया के रोकथाम के लिए संदेश दिया गया। जिले में मलेरिया की स्थिति को लेकर सीएमएचओ डॉ महिस्वर ने बताया कि पुराने बलौदाबाजार भाटापारा जिलें, जिसमें बिलाईगढ़ भी सम्मिलित था उसको मिलाकर वर्ष 2016 में 883 केस दर्ज किए गए थे। 2021 में 152 मलेरिया के केस प्राप्त हुए थे जबकि वर्ष 2022 में यह घट कर 79 ही रह गए। उक्त आंकड़ों से समझा जा सकता है, कि जिले में मलेरिया के केस पिछले कुछ वर्षों में काफी कम हुए हैं। 2022 में ही 1 लाख 71 हज़ार 708 लोगों की मलेरिया जांच की गई थी। नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया इरेडिकेशन के तहत 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2024 तक 1000 की जनसंख्या में 1 से कम मलेरिया प्रकरण लाने का लक्ष्य है। 2027 तक स्थानीय संक्रमण को रोकना भी एक महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मलेरिया कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ अभिजीत बनर्जी के अनुसार मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ रुके हुए पानी मे जन्म लेता है।
अत: इस से बचाव के लिए घर के आसपास कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। छत पर रखी पानी की टंकी को साफ तथा ढक कर रखना सही होता है। कूलर तथा पानी के बड़े बर्तनों को सप्ताह में एक बार सुखाने के बाद ही उपयोग में लाना चाहिए। सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग किया जाना आवश्यक है और यदि कहीं पानी जमा हुआ है, तो वहां मोबिल आइल या मिट्टी का तेल डालकर मलेरिया के लार्वा को नष्ट किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मितानिन कार्यक्रम तथा पंचायतों के माध्यम से स्रोत नियंत्रण गतिविधियां समय-समय पर की जाती रही हैं, जिससे मच्छर का लार्वा न पनपने पाए तथा बीमारी का संक्रमण ना हो। इसमें गम्बूजिया मछली का वितरण भी सम्मिलित है। मलेरिया रोग की दशा में अचानक ठंड लगना, बुखार आना, बदन व सिर में दर्द, रक्त की कमी कमजोरी, पसीने के साथ बुखार उतर जाना बुखार, हर दूसरे या तीसरे दिन या बार-बार आना यह कुछ प्रमुख लक्षण मलेरिया के होते हैं। फेलसीफेरम मलेरिया के केस में जान को भी खतरा हो सकता है। मलेरिया की जांच इस समय ग्राम में मितानिन स्तर तक उपलब्ध है। रैपिड टेस्ट किट से इसका तत्काल परीक्षण किया जा सकता है। इसके उपचार से संबंधित दवाइयां भी स्वास्थ्य केंद्र से निशुल्क प्राप्त की जा सकती हैं। विभाग की ओर से अविभाजित जिले में वर्ष 2020-21 में 22080 कीटनाशक उपचारित मच्छरदानियों का वितरण किया गया था। इस वर्ष 2023 में कसडोल के बार नयापारा क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव भी किया जाएगा। इलाज में देरी होने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है। अत: किसी भी हाल में लापरवाही उचित नहीं है।