जल व प्राकृतिक संसाधन संरक्षण विषय पर हुआ कार्यशाला, सामुदायिक सहभागिता पर जोर

छग

Update: 2024-10-25 15:24 GMT
Kondagaon. कोंडागांव। कोंडागांव जिले में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों और प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास को देखते हुए जिला प्रशासन और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य जिले में जल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर चर्चा करना था। कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा कि जिले में भूजल का स्तर बढ़ाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जिले में वर्षा की स्थिति अच्छी रही है, लेकिन भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसका संरक्षण बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गांवों में पहले की अपेक्षा तालाब या डबरी निर्माण की मांग में कमी आई है, इसके लिए ग्रामीणों को जल संरक्षण की महत्व को बताते हुए जागरूक करने की जरूरत है। कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जल संसाधनों के संरक्षण के लिए व्यापक योजनाएं बनाई जाएंगी। जिला पंचायत सीईओ अविनाश भोई ने जल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए जमीनी मुद्दों पर चर्चा की।

कार्यशाला में जिले के विभिन्न विभाग जैसे वन, पंचायत, समस्त जनपद पंचायत, मगनरेगा, कृषि, जल संसाधन, पी.एच.ई, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन, एन.आर.एल.एम, स्किल डेवलपमेंट, कृषि विज्ञान केंद्र सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, समुदायों के लोग और गैर-सरकारी संगठनों ने भाग लिया। कार्यशाला में सभी ने जल संरक्षण, भूमि क्षरण, जैव विविधता और कार्बन उत्सर्जन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की। ट्रांसफॉर्म रुरल इंडिया से आये विशेषज्ञ सीनियर प्रैक्टिश्नर आशुतोष नंदा एवं प्रैक्टिश्नर मुकेश ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और जिले के प्राकृतिक संसाधनों को बचाने का एक उचित उपाय है। आईएनआरएम मतलब है भूमि, जल, वन और
जैव विविधता
का एकीकृत तरीके से प्रबंधन करना। कार्यशाला में यह भी स्पष्ट किया गया कि एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को सफल बनाने के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी बेहद जरूरी है। स्थानीय लोगों को जल संसाधन प्रबंधन में शामिल करना और उनके ज्ञान और अनुभव का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है। यह कार्यशाला जिले के लिए एक नए युग की शुरुआत है। अब जिला प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर जल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए काम करेंगे। इस प्रयास से न केवल जिले का विकास होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित होगा। इस अवसर पर अभिनय रात्रे एवं अजित राणा डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट कोंडागांव भी उपस्थित थे।
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