कांकेर। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध व प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत् गठित जिला स्तरीय शिकायत समिति की कार्यशाला हुई। कार्यशाला में विभागों में गठित आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष व सदस्य उपस्थित थे। कार्यशाला में अधिनियम के प्रावधान अनुसार जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी हैं, उस स्थान पर महिलाएं काम करती हैं, जहां पर आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का प्रावधान है। समिति में एक महिला अध्यक्ष तथा आधे से अधिक महिला सदस्य होंगे, एक एनजीओ को भी समिति में शामिल किये जाने का प्रावधान है। सभी कार्यालयों में समिति गठन पर जोर दिया गया। स्थानीय शिकायत समिति में सदस्यों का नाम, पता आदि जिला कार्यालय के बाहर फ्लेक्स में लगाने निर्देशित किया गया।
कार्यशाला में कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की ओर से महिलाओं को अपने अधिकार व कानूनी प्रावधानों को जानने एवं उनका उपयोग करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी संस्था में महिलाओं के ऊपर किसी भी प्रकार का लैंगिक उत्पीडऩ होता है, इसकी शिकायत महिलाओं को तत्काल करनी चाहिए। उन्होंने कहा की आज के समय में महिलाएं अपना काम जिम्मेदारी पूर्वक कर रहे हैं, ऐेसे में सेक्सुअल हरासमेंट जैसे अपराधों पर नियंत्रण इस अधिनियम के प्रावधान के तहत किया जा सकता है। कार्यशाला की प्रशिक्षण अधिवक्ता रचना यादव की ओर से दिया गया तथा जिन संस्थानों में आंतरिक शिकायत समिति गठित नहीं है, उन संस्था प्रमुखों पर प्रावधान अंतर्गत 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, महिला व बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिकीर्तन राठौर, सामाजिक कार्यकर्ता हेमलता वैष्णव, संरक्षण अधिकारी तुलसी मानिकपुरी, बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया मौजूद थे।