कवर्धा। हमेशा विवादों में रहने वाले जिला अस्पताल कवर्धा इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल 60 वर्षीय आदिवासी बैगा महिला के पेट से 10 किलो का गोला था, जिसके चलते बीते 5 साल से वह परेशान थी। कई प्राइवेट हॉस्पिटल में भी इलाज कराने के बाद भी आराम नहीं मिला, लेकिन जिला अस्पताल में निःशुल्क रूप से विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम ने ऑपरेशन कर महिला की जान बचाई।
जिले के बोड़ला ब्लॉक के ग्राम शीतलपानी की रहने वाली सातो बाई की उम्र 60 वर्ष है। विशेष पिछड़ी जनजाति की इस महिला के पेट में एक मांस का गोला हो गया था। इसके चलते वह पिछले 5 साल से परेशान थी। उसे दैनिक कार्यों में भी समस्या आ रही थी। जिला अस्पताल में जांच कराने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। सिविल सर्जन डॉ. एम सूर्यवंशी ने रायपुर के कैंसर सर्जन डॉ. किशन सोनी और कवर्धा के गायनेकोलॉजिस्ट सर्जन डॉ. अजीत राडेकर से संपर्क कर ऑपरेशन के लिए समय लिया और ट्राईबल डिपार्ट की मदद से जिला अस्पताल में महिला का सफल ऑपरेशन हुआ।
अब महिला सुरक्षित है और भारी वजन से उनको राहत मिल रही है। पीड़िता की कहना है कि पैसों की कमी के चलते वह इलाज नही करा पा रही थी, लेकिन अब निःशुल्क ईलाज हो जाने से महिला बेहद खुश है। इतने जटिल केश का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने बताया कि जिला अस्पताल के इतिहास में पहली बार इतने जटिल बीमारी का सफल ऑपरेशन किया गया है, अब उस गोले को जांच के लिए उच्च स्तर के लैब भेजा जाएगा।