21 लाख का फर्जीवाड़ा कर फंसी महिला सरपंच, हिसाब नहीं देने होगी रिकवरी की कार्रवाई

Update: 2022-08-22 07:43 GMT

बिलासपुर। ग्राम पंचायत महमंद की महिला सरपंच ने अलग-अलग कार्यकाल में काम करने वाले दो पंचायत सचिवों के साथ मिलकर जमकर फर्जीवाड़ा किया है।14 वें व 15 वेंं वित्त की राशि में से 21 लाख 57 हजार 190 स्र्पये का हिसाब सरपंच व सचिव नहीं दे पा रहे हैं। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सरपंच गणेशी निषाद को पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा दोनों सचिव गंगेलाल निर्मलकर और गयाराम टंडन को शोकाज नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि हिसाब ना देने पर रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी।

जिला पंचायत की सीईओ ने जारी शोकाज नोटिस में सिलसिलेवार की गई गड़बड़ियों का उल्लेख करते हुए 14 वें व 15वें वित्त की राशि के तहत किए गए खर्च की पाई-पाई का हिसाब मांगा है। समुचित जवाब व खर्च की गई राशि का हिसाब ना देने की स्थिति में रिकवरी की कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। जारी आरोप पत्र में कहा गया है कि सरपंच व दो सचिवों ने 14वें वित्त से 17 लाख 77 हजार 490 स्र्पये एवं 15वें वित्त से तीन लाख 79 हजार 700 स्र्पये कुल राशि 21 लाख 57 हजार 190 स्र्पये का वित्तीय अनियमितता बरती गई है।

नोटिस में सीईओ ने कहा कि एक अप्रैल 2022 को बिल्हा जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में इस तरह की शिकायत दर्ज कराई गई थी। सामान्य सभा ने इसकी जांच के लिए प्रस्तावत पारित किया है। सामान्य सभा के प्रस्ताव के बाद जिला पंचायत की सीईओ ने जांच दल का गठन किया गया था। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट जिला पंचायत की सीईओ केा सौंप दिया है। रिपोर्ट में शिकायत की पुष्टि करते हुए सरपंच व दोनों सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।


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