ड्रग तस्करों पर सख्ती के बाद भी हो रही सफेद पाउडर की सप्लाई

नशे के आदी हो रहे बच्चे, परिजनों में चिंता

Update: 2020-11-24 06:20 GMT

आफताब फरिश्ता

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। नशे और अपराध पर पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी है लेकिन अपराधी और ड्रग माफिया अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे हैं। राजधानी में अपराध और नशा दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है, नशे के कारोबारियों पर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है बावजूद इसके नशे का व्यापार करने वालों के हौसले बुलंद है, वे बेखौफ होकर लोगों को नशे का आदी बनाने में लगे हुए हैं। ड्रग्स, अफीम और कई तरह की पावडर का नशा लोग कर ही रहे हैं। जिसके चलते युवाओं में नशे की लत और नशा परोसने की हिम्मत भी मिल जाती है।

होटलों, रेस्टॉरेन्ट, और हुक्का बार में फिर से युवा नशे में मदहोश नजऱ आने लगे हैं। इससे पता चलता है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भी शहर में नशे के सामानों की आमद बनी हुई है। इससे नशे के धंधेबाजों की रसूख और पहुंच का पता चलता है। नशे से आज नाबालिग और युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है जिसका डर हर परिजनों को सताने लगा है। राजधानी में अब सफेद पाउडर यानी स्मैक का धंधा धड़ल्ले से चलने लगा है। जिससे इस सफेद पाउडर को बेचने वाले लोग भी मालामाल हो रहे हैं। वहीं युवक व नाबालिग बच्चे भी इस घातक जहरीले नशे की चपेट में आ रहे हैं। नशे का काला कारोबार युवाओं के सिर चढ़ गया है।

नशे के सामान की खुलेआम तस्करी : विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी की सड़कों के जरिए नशे के सामान की तस्करी होती है। और सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इन वाहनों को नशे के कारोबारियों द्वारा मंगाया जाता है और ये वाहन उक्त स्थान में जाकर ही रूकती है। सैकड़ों युवक गांजा, अफीम, स्मैक जैसे तरह तरह के नशे करके अपनी जीवन तबाह कर रहे हैं। नशे का कारोबार युवाओं और छुटभैया नेताओं की देखरेख में चल रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद नशे का कारोबार इन्ही छुटभैया नेताओं के संरक्षण में चल रहा है। ड्रग्स, अफीम और कई तरह की पावडर का नशा लोग कर ही रहे हैं। जिसके चलते युवाओं में नशे की लत और नशा परोसने की हिम्मत भी मिल जाती है।

नशे की लत हर वर्ग में चर्चित : नशे में अल्कोहल, काफी, चरस, गांजा, कोकीन, भांग आदि शामिल है। युवक-युवतियां बच्चे लोग नशे की लत का शिकार हो गए है। युवा रेल पटरियों में ड्रग्स लेते नजर आ जाते हैं। रेल पटरियों पर सुबह शाम किसी भी समय नशेडियों के जमावड़ों को देखा जा सकता है। कई मंदिरों के पीछे धड़ल्ले से लोग नशा करते देखे जा सकते है। मोहल्ला, पीपल के पेड़ के नीचे नशेडियों का अड्डा रोजाना लगा रहता है। रिक्शा चालकों से लेकर दिहाड़ी मजदूर अपनी दिन भर की कमाई नशे के एक डोज के लिए उड़ा देते हैं। इसी प्रकार युवा छात्र अपने जेब खर्च भी नशे में उड़ा कर अपना जीवन तबाह कर रहे हैं। इसकी जानकारी जब तक अभिभावकों को होती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। वहीं नशे के कारोबार करने वाले अपनी जेब भर रहे हैं।

सफेेेद पाउडर के धंधे में अब महिलायें भी शामिल है जो कूरियर का काम करती है।

नशेडिय़ो का हब : राजधानी में वीआईपी रोड, पुरानी बस्ती, गंज, नयापारा, नेहरू नगर, कैलाशपुरी, गोलबाजार, कोतवाली, खमतराई, गुढिय़ारी, तेलीबांधा, न्यू राजेंद्रनगर, राजातालाब, मोवा, पुरैना टिकरापारा, बोरिया, कला एवं खुर्द, सेजबहार, मंदिर हसौद जहां पुलिस की पहुंच बमुश्किल ही होती है? खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क धंधा कर रहे हैं। गंज थाना क्षेत्र के चूनाभट्टी इलाके में सुबह से बाल्टियों में रखकर खुलेआम शराब बेचते कोचियों की सुचना मिलते रहती हैं। शराब की दुकानों के बंद होने के बाद शराब का रेट तीन गुना तक हो जाता है। यही हाल अन्य इलाकों का भी है।

1.8 किलोग्राम गांजे के साथ महिला गिरफ्तार

राजधानी में नशे के कारोबारियों के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी है जिसके चलते गुढिय़ारी थाना पुलिस ने सोमवार को 1 किलो 800 ग्राम गांजा के साथ एक महिला भुनेश्वरी धीवर 35 वर्ष को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि महिला गोगांव पानी टंकी के पास की रहने वाली है और गांजा बेचने के नियत से उसने अपने घर में नशे का अवैध सामान रखा था। जानकारी देते हुए गुढिय़ारी थाना प्रभारी ने बताया कि महिला पहले भी नशे के प्रकरण में 2 से 3 बार गिरफ्तार हो चुकी है। नशे के विरुद्ध पुलिस ने ऐसे नशेडिय़ों के खिलाफ पानी मुहीम निकाल कर ये साबित करती नजऱ आ रही है कि अब रायपुर नशा मुक्त होने की कगार पर है।

100 रुपए की टैबलेट 200 से 300 रुपए में

बगैर डॉक्टर पर्ची के प्रतिबंधित दवाएं लोगों को आसानी से मिल रही हैं। सूत्र बता रहे कि कुछ पान ठेले वाले भी नशीले पदार्थ बेच रहे हैं। शहर ही नहीं आउटर के मेडिकल स्टोर में भी बिना पर्ची के दवाएं बेच रहे हैं। 50 से 100 रुपए के टेबलेट को 300 रुपए में बेचा जा रहा है। सबसे ज्यादा है इन नशीली दवाएं की डिमांड : नींद के लिए दी जाने वाली अल्प्राजोलैम टैबलेट का सबसे ज्यादा अवैध कारोबार हो रहा है। क्लोनाजेपैम व अल्प्राजोलैम (नींद के लिए), कोडीन (खांसी का सिरप), एसिटालोप्रैम (डिप्रेशन, सुसाइडल थॉट के इलाज), एटीजोलैम (नींद व चिंता संबंधी) की भी मांग है।

उत्तेजना बढ़ा देती हैं नशीली दवाएं : नशीली दवाओं को सीधे तौर पर खाने से शरीर में रक्त के प्रवाह को कम कर देती हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना ऐसी दवाएं लेनेे पर चक्कर, घबराहट, बोलने में दिक्कत आदि होती है। ज्यादा नशीली दवा खाने से पागल भी हो जाते है।

शहर में ये है हकीकत : पुरानी पर्ची पर मिल रही हैं नशे, नींद की दवाएं। डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची की फोटोकॉपी को भी मान्य कर रहे हैं। 20 से 40 रुपए की दवाएं 100 से 150 रुपए में बगैर पर्ची बिक रही हैं।

दवाएंं बेचने ये जरूरी : मरीज के पास डॉक्टर का लिखा ओरिजनल पर्ची होना चाहिए। दवा खरीदने के बाद पर्ची की कॉपी मेडिकल स्टोर पर ही जमा करना होती है। मेडिकल स्टोर संचालक उतनी ही दवाई दे सकता है, जितने दिन की डॉक्टर ने लिखी है।

Tags:    

Similar News

-->