खैरागढ़। जिले के घोर नक्सलग्रस्त एक ग्राम पंचायत में लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक सुदृढ़ उदाहरण पेश कर सरपंच से लेकर पंचों को निर्विरोध चुन लिया। एक ओर ग्राम स्तर का मुखिया बनने के लिए धन-बल का इस्तेमाल करने से प्रत्याशियों को गुरेज नहीं है। वहीं इस पंचायत में धन-बल के बजाय आपसी सद्भाव से निर्णय लेकर पूरी पंचायत को निर्विरोध चुना है। मिली जानकारी के मुताबिक खैरागढ़ जिले के अंदरूनी इलाके के नवागांव (बर) पंचायत के ग्रामीण मतदाताओं ने सरपंच और पंचों को निर्विरोध चुनकर एक मिसाल पेश की है।
बताया जाता है कि ग्रामीणों ने आपसी रजामंदी से एक बैठक में तय किया कि राजनीतिक द्वंद में गांव का माहौल खराब न हो, इसलिए एक मत से निर्विरोध चुन लिया गया। इस आधार पर ग्रामीणों ने लता नेताम को सरपंच चुना। वहीं पंचायत के 11 वार्डों के प्रतिनिधि के तौर पर पंचों को भी निर्विरोध चुना गया।
एक हजार 35 मतदाता वाले नवागांव पंचायत 2005 में लछना पंचायत से अलग होकर अस्तित्व में आया था। यह पहला मौका है कि इस पंचायत में सभी निर्विरोध चुने गए। आसन्न त्रिस्तरीय चुनाव में खैरागढ़ जिले से निर्विरोध सरपंच-पंच चुने जाने वाला संभवत: यह पहला पंचायत है। इस ग्राम पंचायत के अधीन 4 गांव है। जिसमें करेलागढ़, बरगांव, टेमरी और नवागांव शामिल है।
निर्विरोध चुनी गई सरपंच लता नेताम ने मीडिया को बताया कि निर्विरोध चुने जाने की प्रक्रिया से पूरा गांव खुश है। आमतौर पर चुनाव में प्रतिस्पर्धा के चलते रिश्तों में मनमुटाव आ जाता है। वहीं चुनावी झंझट से ग्रामीण मुक्त रहेंगे। बताया जाता है कि निर्विरोध चुनाव होने पर राज्य सरकार की ओर से पंचायतों को प्रोत्साहन के तौर पर पुरस्कृत भी किया जाता है।