Monsoon crops की सिंचाई के लिए 5 जुलाई से मिलेगा नहरों से पानी

छग

Update: 2024-06-13 18:09 GMT
Janjgir-Champa. जांजगीर-चांपा। कलेक्टर आकाश छिकारा की अध्यक्षता में खरीफ वर्ष 2024 के कार्यक्रम निर्धारण हेतु जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टोरेट कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में समिति के सचिव कार्यपालन अभियंता हसदेव नहर जल संभाग जांजगीर के द्वारा बांध में जल उपलब्धता की जानकारी दी गयी, जिसके अनुसार हसदेव बांगो परियोजना अंतर्गत जांजगीर-चांपा, सक्ती, कोरबा व रायगढ़ जिले के लिए अगामी खरीफ वर्ष 2024 हेतु सिंचाई क्षमता 02 लाख 47 हजार 400 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि 10 जून की स्थिति में हसदेव बांगो बांध में कुल जल भराव क्षमता का 43.08 प्रतिशत है।
समिति द्वारा विचारोपरान्त हसदेव बांगो परियोजना के अन्तर्गत हसदेव बायीं तट नहर प्रणाली व हसदेव दांयी तट नहर प्रणाली में खरीफ सिंचाई वर्ष 2024 हेतु 05 जुलाई से पानी प्रवाहित करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में जलाशयों में उपलब्ध जल भराव, खरीफ वर्ष 2024 के सिंचाई कार्यक्रम, फसल का लक्ष्य निर्धारण तथा खाद, बीज व कीटनाशक की उपलब्धता जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में विधायक जांजगीर-चांपा ब्यास कश्यप, अकलतरा विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह, विधायक जैजैपुर बालेश्वर साहू, विधायक रामपुर फूल सिंह राठिया, पूर्व विधायक केशव चन्द्रा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत सदस्य राजकुमार साहू, दिनेश शर्मा, गुलजार सिंह, दुष्यंत सिंह, राजशेखर सिंह, सदीप तिवारी, शिव कुमार तिवारी, जिला पंचायत सीईओ गोकुल कुमार रावटे,
सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने, नहरों की मरम्मत करने, जल संसाधन विभाग के जलाशय एवं अन्य रकबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के संबंध में कृषक प्रतिनिधियों के सुझावों पर चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर ने खाद बीज के भंडारण तथा वितरण की चर्चा करते हुए खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग को आपसी समन्वय के साथ अतिक्रमण में लाल झंडा लगाकर चिन्हांकन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोसायटी में खाद बीज उठाव के लिए किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो। उन्होंने कहा कि सोसायटी में खाद-बीज का भंडारण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि उन्नत किस्म और कम अवधि वाले धान बीज का उपयोग करना किसानों के लिए अधिक फायदेमंद है। किसानों को इसका उपयोग करके, जमीन की उर्वरता बनाए रखने के लिए फसल चक्र लेने प्रोत्साहित करने कहा।
Tags:    

Similar News

-->