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Update: 2022-09-14 06:30 GMT

महाराष्ट्र। पालघर जैसी घटना फिर हुई है. मंगलवार को सांगली जिले में बच्चा चोरी के शक में चार साधुओं पर भीड़ ने धावा बोला दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं, साधुओं की पिटाई पर सियासत तेज हो गई है. इस घटना को लेकर शिवसेना ने कहा है कि शिंदे सरकार में कानून व्यवस्था फेल है.

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शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि संतों की भूमि कहे जाने वाले महाराष्ट्र के सांगली जिले में चार साधुओं की पिटाई की गई और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर वोट बटोरने वाली बीजेपी के एक भी विधायक घटनास्थल पर नहीं गए हैं. इससे साफ है कि बीजेपी सिर्फ दंगा-फसाद और नफरत की राजनीति में विश्वास करती है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी की कथनी और करनी में एक बहुत बड़ा अंतर है, जिसे समझने की जरूरत है. बीजेपी सिर्फ हिंदूवादी होने का ढोंग कर रही है. वास्तव में बीजेपी को सिर्फ अपना वोट बैंक तैयार करने और किसी तरह छल, बल और भ्रष्टाचार से सत्ता पर काबिज होने की ललक है. वो सिर्फ हवा हवाई की राजनीति कर रही है. बता दें कि ये घटना सांगली जाट तहसील के लवंगा गांव की है. यूपी के रहने वाले चार साधु एक कार में कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर के मंदिर की ओर जा रहे थे. वे सोमवार को गांव में एक मंदिर में रुके थे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यात्रा फिर से शुरू करते समय उन्होंने एक लड़के से रास्ता पूछा था. इससे कुछ स्थानीय लोगों को शक हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह के सदस्य हैं. ये बात गांव में तेजी से फैल गई और स्थानीय लोगों ने साधुओं को लाठी-डंडों से पीटा. पुलिस के मुताबिक, साधु उत्तर प्रदेश के एक अखाड़े के सदस्य हैं.

महाराष्ट्र के पालघर जिले में 16 अप्रैल 2020 को भी ऐसी ही घटना हुई थी. बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी के साथ उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया था. दोनों साधु अपनी गाड़ी से मुंबई से सूरत जा रहे थे तभी पालघर के गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने उनकी हत्या कर दी थी.

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