रायपुर। सरगुजा क्षेत्र में बारिश न होने से किसान ही नहीं आम ग्रामीण भी काफी परेशान हैं। बारिश काराने को लेकर कई तरह के परंपराओं को निभा रहे हैं, पूजा-पाठ कर रहे हैं, एक ऐसी ही पुरानी परंपरा भैयाथान क्षेत्र में 'बेंग बिहाव' की रही है। इस पूजा पद्धति में मेघ के देवता इन्द्र को मनाने मेढक-मेढकी का विवाह कराकर भगवान महादेव-पार्वती सहित देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना कर बारिश की कामना की जाती है।
भैयाथान विकासखंड के अंतर्गत ग्राम गोविंदगढ़ के ग्रामीणों ने शनिवार को मेघ के देवता इन्द्र को मनाने मेढक-मेढकी का विवाह बढ़े धूमधाम से कराया। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सच में किसी की शादी हो रही हो। ग्रामीण मेढक की बारात लेकर दर्रीपारा आए, जहां गोविंदगढ़ से आए बारातियों का स्वागत दर्रीपारा के ग्रामीणों ने किया। ग्रामीणों ने धूमधाम से मेढक-मेढकी का विवाह रचाया, ताकि बारिश हो और खेती-बाड़ी हो सके। अकाल की स्थिति निर्मित न हो। मेघ देवता को प्रसन्न करने ग्राम दर्रीपारा में मंडप सजाकर मेढक-मेढकी का विवाह रचाया गया। विवाह के पूर्व गांव की महिलाओं ने हल्दी तेल लगाया और सिंदूर लगाकर विवाह की रस्मों को निभाया गया।