धर्मांतरण ग्रामीण के शव को लेकर बवाल जारी, SDM के आश्वासन के बाद प्रदर्शन खत्म
छग
कांकेर। मतांतरित ग्रामीण के शव को पखांजूर में दफनाने के बाद ग्रामीणों द्वारा स्टेट हाइवे क्रमांक 25 में जारी चक्काजाम दस घंटे बाद समाप्त कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के मध्य तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहमति बनी है। जिसके बाद एसडीएम के आश्वासन पर प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम खत्म कर दिया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने तीन सूत्रीय ज्ञापन देते हुए चेतावनी भरे शब्दों मे कहा है कि पन्द्रह अगस्त के पहले तीनो मांगे पूरी नहीं हुई तो फिर से उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि माचपल्ली के ग्रामीण दिलीप पददा के मृत्यु के बाद उसके शव को पखांजूर में लाकर दफनाया था। जिसके बाद से पखांजूर के स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था।
गौरतलब है कि बीते शनिवार 5 अगस्त की सुबह से ही प्रदर्शनकारी पखांजूर पुलिस थाना के सामने टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में प्रदर्शनकारियों ने उग्र कदम उठाते हुए आज सुबह से चक्काजाम कर दिया था। इस प्रदर्शन में स्थानीय व्यपारियों ने भी समर्थन देते हुए दुकानें बंद रखी थी साथ ही यात्री वाहनें भी बन्द थी। ग्रामीणों की मांग है कि मतांतरित ग्रामीण के शव को बाहर निकाला जाए औऱ कब्रिस्तान के लिए आबंटित भूमि को रद्द किया जाए।
दरअसल, यह मामला ग्राम पंचायत माचपल्ली का है। यहां मतांतरित कर क्रिश्चयन बने मृतक आदिवासी युवक का शव नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक एक में दफनाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। युवक की मौत गांव में ही हुई थी। लेकिन विवाद के चलते गांव में युवक का शव को नहीं दफनाया जा सका, जिसके बाद इसकी शिकायत मृतक के बेटे ने प्रशासन से की थी। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा में मृतक का शव 4 अगस्त की रात माचपल्ली से पखांजूर लाकर वार्ड क्रमांक एक में दफनाया गया। इस दौरान हिंदू संगठन ने शव दफनाने का विरोध शुरू कर दिया और रात में इसके विरोध में पखांजूर थाने में आवेदन भी दिया। इसी विवाद के चलते पखांजूर थाने के सामने वार्ड वासियों ने प्रशासन के खिलाफ धरना भी दिया।