बिलासपुर। कोरबा के युवक और पश्चिम बंगाल की युवती के बीच ऑनलाइन गेम के माध्यम से दोस्ती हुई और दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। बाद में उन्होंने शादी कर ली। लेकिन, कुछ समय में ही युवती ने युवक के साथ रहने का इरादा बदल दिया और वो अपनी मां के साथ चली गई।
इधर, युवक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी। यह याचिका, किसी व्यक्ति को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखे जाने पर रिहाई दिलाने के लिए दायर की जाती है।
केस की सुनवाई हुई, तब युवती ने अपने माता-पिता के साथ रहने की बात कही। जिस पर डिवीजन बेंच ने कहा कि माता-पिता के साथ रहना अवैध हिरासत नहीं है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल ने युवक की याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल, कोरबा में रहने वाले शंकर गवेल पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लड़की के साथ ऑनलाइन गेम खेलता था। साल 2023 में उनकी पहचान हुई। जिसके बाद दोनों आपस में चैट पर बातचीत करने लगे। तब लड़की नाबालिग थी। कुछ समय बाद उनकी दोस्ती हुई। फिर दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। जिसके बाद उन्होंने बालिग होने पर शादी करने का फैसला किया था।