रेलवे स्टेशन में यूनियन गिरी नहीं चलेगी, ऑटो चालकों से अवैध तरीके से वसूलते थे पैसे
रेलवे ने ऑटो चालकों के लिए निकाला नियम.
रायपुर: अब तक यहां ऑटो खड़ी करने के लिए यूनियन वाले अवैध तरीके से पैसे वसूला करते थे, जिसके बाद रेलवे ने यहां का टेंडर निकाला और कई बार टेंडर निकालने के बाद अब यहां के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है और इसका एग्रीमेंट भी हो चुका है.
लेकिन अचानक वर्षों से यूनियन चला रहे लोगों की कमाई पर ब्रेक लगने वाला है, इसलिए अब धीरे-धीरे बवाल की चिंगारी लगनी शुरू हो गई है. यूनियन के लोगों ने आज रविवार को अचानक मीटिंग बुलाई थीं, जिसमें टेंडर दिए जाने का विरोध करने की रणनीति बनाई गई है, जबकि रेलवे जो शुल्क वसूल रहा है उससे यहां ऑटो खड़े करने वाले लोगों को फायदा होगा.
किन शर्तों पर रेलवे ने जारी किया टेंडर
2 घंटे के लिए 20 रूपए
2 से 6 घंटे के लिए 25 रूपए
6 से 12 घंटे के लिए 25 रूपए
12 से 24 घंटे तक के लिए 30 रूपए
और पूरे दिन या डेली के हिसाब से 50 रूपए शुल्क देने होंगे.
सूत्रों की माने तो यहां रोजाना गाड़ी खड़ी करने के लिए ऑटो चालकों को यूनियन को भी पैसा देना पड़ता है. यही कारण है कि यूनियन की मनमानी यहां अक्सर देखी जाती है और वे दूसरे ऑटो चालकों को यहां गाड़ी खड़ी करने नहीं देते, लेकिन अब टेंडर होने के बाद यहां कोई भी ऑटो चालक अपनी गाड़ी खड़ी कर सकता है.
टेंडर शर्तों में पिक एंड ड्राप के लिए 5 मिनट तक का प्रावधान किया गया है. हालांकि इसका हेंडओवर 1 सिंतबर को होना है जिसके बाद और तमाम नियम-शर्तें स्पष्ट होंगे. ये टेंडर 3 वर्षों के लिए दिया जाना है.