राजनांदगांव। मुख्यमंत्री बघेल ने बुधवार को विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के हितग्राहियों को बेरोजगारी भत्ता की राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री ने जिले के कुल 4 हजार 547 हितग्राहियों को 1 करोड़ 53 लाख 95 हजार रूपए की राशि उनके खाते में अंतरित की। इस दौरान कलेक्टर डोमन सिंह कलेक्टोरेट सभाकक्ष से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं से कहा कि आपको बेरोजगारी भत्ते से सहायता मिल रही है, लेकिन मुझे बेरोजगारी भत्ता देने से ज्यादा खुशी तब होगी, जब आपके हाथ में रोजगार होगा। सरकारी नौकरी के लिए हम लगातार वैकेंसी निकाल रहे हैं। इसके साथ ही आपको कौशल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं, ताकि आप अपना कार्य भी शुरू कर सकें । बेरोजगारी भत्ता एक छोटा सा सहयोग भर है, जिसके माध्यम से आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। पिछले कार्यक्रम में मैंने कहा था रोक हटते ही अखबार नौकरियों के विज्ञापन से भरे होंगे, आज हमने अपना वादा निभाया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि समाज में हर वर्ग के लोग रहते हैं। कुछ लोग मजदूरी करते हैं, तो कुछ लोग खेती-किसानी, तो कुछ लोग छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। सभी की आर्थिक स्थिति एक समान नहीं होती। इन परिवारों के युवाओं को लगता है कि माता-पिता ने हमें लिखा-पढ़ा दिया लेकिन हम माता-पिता पर आश्रित हैं। ऐसे युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते के रूप में मिलने वाली 2500 रूपए की राशि उनके लिए बड़ा सहारा है। इस राशि से प्रतियोगी परीक्षा के लिए किताब खरीदने आदि कार्यों में मदद मिलती है। राज्य सरकार ने व्यापम, पीएससी की परीक्षाओं में युवाओं की परीक्षा फीस माफ कर दी है। इससे इन परिवारों का आर्थिक बोझ कम हुआ है। राज्य सरकार द्वारा युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे स्वरोजगार और रोजगार के लिए तैयार हो सकें। रीपा में छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के जरिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, रीपा योजना, कृषि और वन आधारित उद्योगों की स्थापना, कृषि और वनोपजों का प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन, सी-मार्ट की स्थापना, रोजगारोन्मुखी स्कूली शिक्षा की शुरूआत जैसे अनेक कदम राज्य सरकार द्वारा उठाए गए हैं। इन प्रयासों से छत्तीसगढ़ आज देश में न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य है, हमारी कोशिश है कि छत्तीसगढ़ की यह पहचान आगे भी बनी रहे।
कलेक्टर डोमन सिंह ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया तथा उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता की इस राशि का सदुपयोग अपनी पढ़ाई के लिए करें। विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण में शामिल होकर नया कार्य सीखें तथा शीघ्र ही रोजगार प्राप्त करें। अपने लक्ष्य एवं कैरियर के प्रति समर्पित होकर तैयारी करें। इस दौरान युवाओं ने कलेक्टर से अपने कैरियर एवं प्रशिक्षण संबंधी अनुभव साझा किए। बरखा देवांगन ने बताया कि वे जिला परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज सोसायटी सांकरा-सोमनी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। बेरोजगारी भत्ता की पहली एवं द्वितीय किश्त की राशि प्राप्त हुई है। जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी सहायता मिली है। उन्होंने शासन को इस योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। पूजा देवी चंद्राकर ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता के दोनों किश्त की राशि प्राप्त हो गई है। वे टेलर का कोर्स कर रही हैं और मॉल में कार्य करना चाहती हंै। शासन की इस योजना से उन्हें कैरियर को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। यामनी साहू ने कहा कि वे लाईवलीहुड कॉलेज में कम्प्यूटर का कोर्स कर रही हंै। पढ़ाई-लिखाई और नौकरी के लिए इस राशि का सदुपयोग करेंगी। जिज्ञासा यादव ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता से प्राप्त राशि से उन्होंने अपने लिए किताबें खरीदी है। आगे वे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। लाईवलीहुड कॉलेज में कम्प्यूटर ऑपरेटर का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। सभी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस योजना के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा देवहारी, जिला रोजगार अधिकारी सत्यव्रत राजौरिया, उप संचालक पंचायत देवेन्द्र कौशिक, सहायक संचालक कौशल विकास देवेन्द्र कुमार, एमजीएनएफ उदयन सान्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।