बिलासपुर। प्रदेश सरकार पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर सिपाही से लेकर निरीक्षक रैंक तक के पुलिसकर्मियों के तबादले की तैयारी में है. हाईकोर्ट में दाखिल एक कैविएट से इसके संकेत मिल रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर बताया गया है कि चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए आयोग के मापदंडों के मुताबिक पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर किया जाना है, जिसमें प्रभावित कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक और निरीक्षकों के स्थानांतरण आदेशों को चुनौती दे सकते हैं. पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा प्रशासनिक आधार पर ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों का ट्रान्सफर किया जा रहा है, जो लम्बे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं.
ऐसी आशंका जाहिर की गई है कि ट्रांसफर से प्रभावित उक्त स्थानांतरण आदेशों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं और इसके खिलाफ अंतरिम आदेश की मांग कर सकते हैं, इसलिए यह कैविएट लगाया जा रहा है, ताकि भारत के चुनाव आयोग के दिनांक 02.06.2023 के निर्देशों के अनुसार जारी किए जाने वाले स्थानांतरण आदेशों के खिलाफ ऐसी याचिका दायर करने की स्थिति में न्याय के हित में किसी भी अंतरिम / स्थगन / सुरक्षात्मक आदेश पारित करने से पहले कैविएटर / छत्तीसगढ़ राज्य को सुनवाई का अवसर दिया जाए.
छत्तीसगढ़ में दो नए पुलिस रेंज बनाए जा सकते हैं। पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से लेकर मंत्रालय तक इस पर मंथन चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त में इसकी घोषणा हो सकती है। वरना विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद दो नए पुलिस रेंज अस्तित्व में आ जाएंगे।
राज्य में वैसे तो पुलिस रेंज की संख्या पांच है, लेकिन सरकार ने राजधानी रायुपर की संवेदनशीलता को देखते हुए रायपुर जिला के लिए अलग आईजी पदस्थ कर रखा है। इस लिहाज से रेंज की संख्या बढ़कर छह हो गई है। वर्तमान में रायपुर (राजधानी) रेंज की कमान राज्य के खुफिया विभाग के चीफ अजय यादव के पास है। वहीं, रायपुर रेंज की जिम्मेदारी आईजी आरिफ शेख के पास है। इसके अलावा दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा चार अन्य रेंज हैं।
तेज विकास और आम लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन के विकेंद्रीकरण पर जोर दिया जा रहा है। यह कांसेप्ट पूरे देश में चल रहा है। इसके आधार पर छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तरखंड जैसे छोटे राज्यों का गठन हुआ। इधर, प्रदेश में भी सरकार विकास की रफ्तार बढ़ाने के इरादे से नए- नए जिला और तहसीलों का गठन कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच है कि प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलता है। बुनियादी सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न आदि लोगों तक आसानी से पहुंचती है। वहीं शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन दूरस्थ अंचलों तक आसानी से हो पाता है। इसी सोच के तहत बीते चार- साढ़े चार साल में राज्य में छह नए जिलों का गठन किया गया है। इसे देखते हुए नए रेंज के गठन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है ताकि लोगों को रेंज आईजी से मिलने के लिए ज्यादा दूरी तय करनी न पड़े।