ट्रैवल्स एजेंसी ने अटैच कर बेच दी गाड़ी

Update: 2023-07-18 06:30 GMT

वाहन मालिक को लगाया 3.90 लाख का चूना

गाड़ी मालिक की शिकायत पर अब तक नहीं दर्ज हुई एफआईआर

आरोपी अपने रसूख का इस्तेमाल कर पीडि़त को कर रहा प्रताडि़त

एफआईआर दर्ज करना छोड़ पीडित को थाने दर थाने घुमा रही है

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में फ्राड के नए-नए कांड सामने आ रहे है। मौखिक समझौता के तहत जितेंद्रश्रीवास ने दुर्गेश को गाड़ी के साथ ओरिजनल आरसी बुक भी दे दी थी। जिसका फायदा उठाते हुए अमानत में ख्यानत किया। जितेंद्र के करीबी रिश्तेदार दुर्गेश ने अपने करीबी होने का फायदा उठाते हुए गाड़ी को बिना मालिक के इजाजत के परवारे किसी तीसरे पक्ष को 3.90 लाख रुपए में बेच कर उस पैसे का उपयोग अपने कारोबार में लगा दिया। जब गाड़ी मालिक ने पैसा मांगे तो कोरोना का बहाना बनाकर टालमटोल करने लगा। जब गाड़ी नहीं दिखा तो जितेंद्र श्रीवास बारा-बार पैसे और गाड़ी वापस मांगे तो धौंस धपट दिखाकर डरा धमकाकर मामले को उलझाता रहा। ताजा मामला राजातालाब निवासी जितेंद्र श्रीवास का है, जिसने अपने करीबी रिश्तेदार के झांसे में आकर जायलो गाड़ी फाइनेंस से खरीदा और गाड़ी दुर्गेश श्रीवास के ट्रैवल्स एजेंसी में अटैच कर दिया।

मौखिक में यह तय हुआ कि हर महीने गाड़ी की किश्त पटाएगा और पांच हजार रुपए नकद भुगतान करेगा।2013 से 2018 तक सब कुछ टीक चल रहा था, 2019 में उसके बाद दुर्गेश की नियत बदल गई और कूटरचना कर फाइनेंस की गाड़ी अपने पार्टनर ट्रैवल्स एजेंसी को बेच दी और उस ट्रैवल्स एजेंसी ने उस गाड़ी को 3.90 लाख में उड़ीसा के किसी सुखराम गौड़ को बेच दी। जितेंद्र श्रीवास निवासी राजातालाब ने बताया कि अपने रिश्तेदार के कहने पर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा केनरा बैंक से 7 लाख रुपए में फाइनेंस कराया था, गाड़ी मेरे नाम पर ही है। और इश्योरेंस भी मेरे नाम से जमा होता था। मैंने उक्त गाड़ी को एक्सचेंस में गाड़ी देकर खरीदा था, उसका किश्त आज भी मेरे नाम से डेढ़ लाख बाकी है। गाड़ी मालिक जितेंद्र श्रीवास ने बताया कि दुर्गेश श्रीवास बहुत शातिर है मैंने जब आरोपी के नाम से रिपोर्ट मोदहापारा थाने में दर्ज कराया तो वहां पुलिस ने समझौता करने की सलाह दी। इस दौरान दुर्गेश की पत्नी में मेरे साथ थाने में ही पुलिस के सामने दुर्व्यवहार किया और दस्तावेज छीन ली। पुलिस ने हस्तक्षेप कर दस्तावेज वापस दिलाया।पीडि़त ने जनता से रिश्ता कार्यालय में मयदस्तावेज के उपस्थित होकर पूरे मामले का खुलासा किया है। अब तक जितने भी कार्रवाई के आवेदन लगाए हैऔर क्या कार्रवाई हुई का विवरण दिया है।  

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