दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सड़कों पर रैली के दौरान ट्रैफिक कानून की धज्जियां उड़ाना बीजेपी सांसद को बहुत महंगा पड़ा है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के पास जैसे ही इस घटना का सीसीटीवी फुटेच पहुंचा, वो एक्टिव हो गई. सरेआम ट्रैफिक कानूनो की खुद ही धज्जियां उड़ाते पकड़े गए बीजेपी सांसद का नाम मनोज तिवारी है. वह दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मनोज तिवारी के ऊपर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने करीब 41 हजार का अर्थदंड ठोंका है. इसमें दुपहिया वाहन के उस स्वामी की चालान राशि भी शामिल है, जिसकी जिम्मेदारी चालक की (सांसद मनोज तिवारी) की न बनकर, दुपहिया वाहन स्वामी की बनती थी. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरी कहानी?
दरअसल सांसद मनोज तिवारी बुधवार को राजधानी की सड़कों पर दुपहिया वाहन पर सवार होकर समर्थकों के साथ निकल पड़े. उनके साथ समर्थकों का हुजूम था. भीड़ में शामिल अधिकांश लोग दुपहिया वाहनों पर सवार थे. चूंकि साथ में खुद उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के सांसद ही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. लिहाजा प्रत्यक्ष रुप से अपने जन-प्रतिनिधि (लोकसभा सांसद मनोज तिवारी)को ही ट्रैफिक कानूनों की धज्जियां उड़ाती देखकर, दुपहिया वाहनों पर उनके साथ चल रहे समर्थकों को भी कानून का भय नहीं रहा. लिहाजा भीड़ में शामिल तमाम लोग खुद भी बिना हेलमेट लगाए हुए ही रैली में शामिल होने पहुंच गए. हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट कर माफी मांग ली.
इस बात की शिकायत किसी ने सोशल मीडिया पर करनी शुरु कर दी. उधर दूसरी ओर एहतियातन इस रैली पर पहले से ही नजर रख रही दिल्ली पुलिस ने भी यह बात ताड़ ली थी कि सांसद और उनके सैकड़ों समर्थक बिना हेलमेट के ही दुपहिया वाहनों पर सवार हैं. बात जब ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय तक पहुंची तो, वो एक्टिव हो गई. चूंकि ट्रैफिक कानून तोड़ने की घटना सरेआम अंजाम दी जा रही थी. लिहाजा ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पहले तो तमाम सबूत इकट्ठे किए. उसके बाद सांसद मनोज तिवारी जिस दुपहिया वाहन पर सवार हुए, उसके कागजात जाचें गए. तब पता चला कि यह न सिर्फ गैर-इरादतन लापरवाही तक ही ट्रैफिक नियमों को तोड़ने का मामला था. वरन् इस मामले में तो खुलेआम दुपहिया वाहन चालक (सांसद मनोज तिवारी) और वाहन स्वामी द्वारा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.