पुलिस की प्रताड़ना से तंग युवक पहुंचा हाईकोर्ट, आइजी और एसपी को नोटिस जारी
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ। पुलिस की प्रताड़ना से तंग एक युवक ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इससे उबारने की गुहार लगाई है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर रेंज के आइजी व जांजगीर-चांपा एसपी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मुलमुला थाना प्रभारी व उप निरीक्षक को कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब पेश करने का फरमान जारी किया है। याचिकाकर्ता ने युवक ने कहा है कि थाना प्रभारी द्वारा बार-बार थाना बुलाकर प्रताड़ित करने के अलावा धमका रहे हैं।
जांजगीर-चांपा जिला स्थित पामगढ़ ब्लाक के मुलमुला निवासी सर्वेश व्यास ने वकील सुमित सिंह के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उस पर गांव की एक महिला ने 50 हजार स्र्पये लेने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने बिना छानबीन और प्रमाण के उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बहाने लगातार थाने बुलाकर दिनभर बैठाकर रखते हैं और पुलिस के अफसर लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसके अलावा स्वजनों को भी पुलिस थाने बुलाकर प्रताड़ित कर रही है। याचिका के अनुसार थानेदार जितेंद्र बंजारे व सब इंस्पेक्टर रामकुमार पटेल की शिकायत आइजी बिलासपुर रेंज और जांजगीर-चांपा एसपी से की थी। शिकायत में उसने यह भी बताया था कि महिला ने उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है। उसने फूटीकौड़ी नहीं ली है।
पूरे मामले की जांच की गुहार भी लगाई थी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुलमुला थाना प्रभारी और थाने के पुलिस अधिकारी लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। याचिका में कहा है कि उसको झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। पुलिस बिना प्रमाण और तथ्यों के उस पर दबाव बना रही है। इससे डरकर वह घर भी नहीं जा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने पूरे मामले की जांच कराने और पुलिस द्वारा की जा रही मानसिक प्रताड़ना के लिए क्षतिपूर्ति देने की गुहार लगाई है। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस के आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिका की अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।