नाईट पार्टी में शराब, हुक्का परोसने की सूचना देने पर टीआई ने संवाददाता से की गाली-गुफ़्तार

रायपुर

Update: 2021-02-22 06:18 GMT

रायपुर। मीडिया में लगातार खबरें आने बावजूद राजधानी के बड़े होटलों और पब्स में खुलेआम अवैध नाइट पार्टियां चल रही है, प्रशासन के बिना अनुमति के छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में होटल, क्लब संचालक बेखौफ इन पार्टियों का आयोजन कर रहे है। जिसमें समय सीमा खत्म होने के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जाते है। पार्टी के आयोजन कर्ताओं और होटलों के संचालकों को इलाके के पुलिस थानों से भी संरक्षण मिल रहा है। इसका पुख्ता सुबूत जनता से रिश्ता के पास मौजूद है। रविवार रात को माना थाना क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट में नाईट पार्टी आयोजित थी। जिसमें रात 12 बजे के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जा रहे थे। जब जनता से रिश्ता संवाददाता ने इसकी जानकरी माना टीआई को दी तब टीआई ने सीधे संवाददाता के साथ गाली गुफ़्तार की और कहा कि तुझे छापना है तो छाप। इस पूरे वाकये का वॉइस रिकॉर्ड जनता से रिश्ता के पास है। इससे साफ़ पता चलता है अवैध पार्टियों के साथ शहर में होने वाले अवैध कारोबारों सट्टा, जुआ, अवैध शराब के धंधेबाजों को छुटभैय्ये नेताओं और पुलिस का सीधा संरक्षण लगातार मिल रहा है।

होटलों में पार्टी के लिए सोशल मीडिया को बनाया हथियार

सिटी में नशे के सौदागर अपने पैर पसार रहे हैं। उनके जाल में फंस रहे युवा, जो नशे का आदी हो अपनी ङ्क्षजदगी दांव पर लगा चुके हैं। वीआईपी रोड की होटलों में आयोजित हो रही पार्टियों के आमंत्रण के लिए नशे के सौदागरों ने अब सोशल मीडिया को अपना हथियार बना लिया है। रायपुर के युवाओं में नशे का ट्रेंड भी बदल गया है। पहले जहां शराब, हुक्का, कफ सिरफ, टैबलेट, गांजा आदि का सेवन अधिक किया जाता था, अब इसकी जगह पर बड़े घरों के युवा कोकीन, ब्राउन शुगर आदि का डोज तक लेने लगे हैं। नए साल की पार्टियों में नशे को खपाने के लिए होटलों के संचालकों ने सोशल मीडिया में विदेशी बार बालाओं की तस्वीरें लगाकर युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने लगे है। और ये तरीका जब कारगर साबित हुआ तब से हर दिन नशे की पार्टियों के आयोजन करने के लिए नशे के सौदागर सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाने लगे है।

कॉलेज के पास तस्करों के गुर्गे

तस्करों के निशाने पर कॉलेज छात्र अधिक है। तस्करों के गुर्गे छात्रों की ही पोशाक में कॉलेज के पास जमे रह छात्रों से दोस्ती गांठ उन्हें पहले धोखे से नशा कराते हैं। सिगरेट में मादक पदार्थ भर युवाओं को पिलाया जाता है। पहले सेवा फ्री होती है। जब लड़का आदी हो जाता है तो उसे अडडे दिखा व उससेमोटी रकम लेकर मादक पदार्थ दिये जाते हैं।

युवाओं के नशा बना प्रेस्टीज पॉइंट

नशा न करना आज के दौर में मॉडर्न युवा पीढ़ी की नजरों में बैकवर्ड समझा जाता है। जो पार्टी-शार्टी या क्लब या ब्याह-शादी, बर्थडे वगैरह में ड्रिंक नहीं लेता वह गंवार या गांवड़ेला होता है। कभी ऐसा भी होता है कि इस तरह के आयोजनों में यदि कोई लड़की या महिला शामिल होकर आउट हो जाए यानी ज्यादा ड्रिंक कर ले तो काफी छिछालेदरी हो जाती है। ऐसे मौके पर नशाखोरी को प्रेस्टिज का प्वॉइंट बनाने वाले खुद अपने साथ कितना बड़ा धोखा करते हैं। युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है। युवतियों में भी ड्रग्स स्टेटस सिंबल बन जाने से इस बुराई की समाप्ति और भी मुश्किल होती जा रही है। स्कूल-कॉलेज भी नशे से अछूते नहीं रहे।

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