रायपुर। नाबार्ड छत्तीसगढ़ के मुख्य महाप्रबंधक डॉ ज्ञानेंद्र मणि ने सहकारी बैंकों में व्यापार विविधीकरण पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के समापन अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कोआपरेटिव्ह सेक्टर में हार्टिकल्चर, मत्स्य पालन, डेयरी, क्लस्टर बेसिस बिजनेश, आदि क्षेत्र में फाइनेंस तथा लाभार्जन की अच्छी संभावना है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषिगत ऋण सुविधा देने के साथ तकनीकी जानकारी देना आवश्यक है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन छत्तीसगढ़ सहकारी प्रशिक्षण संस्थान पंडरी रायपुर द्वारा बर्ड (बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान) कोलकाता के सहयोग से 31 जुलाई से 02 अगस्त तक किया गया। अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सहकारिता पर बड़ा भरोसा है।
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार द्वारा धान के अलावा अन्य खरीफ व रबी की फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आदान सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार 725 नवीन समितियों का गठन किया गया और इन समितियों को भूपेश बघेल की सरकार द्वारा गोदाम सह कार्यालय बनाने के लिए 185 करोड़ आर्थिक सहायता प्रदान किया गया। इस अवसर पर बर्ड कोलकाता के प्रोग्राम डायरेक्टर हेमंत कुंभारे, अपेक्स बैंक के डीजीएम व छत्तीसगढ़ सहकारी प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक भूपेश चंद्रवंशी, उप निदेशक ए के लहरे, अपेक्स बैंक मुख्यालय व शाखा प्रबंधकों, प्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारीगण मौजूद रहे। इस प्रशिक्षण सत्र में 28 प्रतिभागी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।