नारायणपुर। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी चिराग परियोजना के तहत समन्वित कृषि प्रणाली पर कृषि एवं सम्बद्ध विभाग के मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों के क्षमता विकास के लिए 15 से 17 मार्च तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. रत्ना नशीने, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र नारायणपुर उपस्थित रहीं एवं अध्यक्षता वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ दिब्येंदु दास ने की।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र नारायणपुर, कोडागांव एवं कृषि महाविद्यालय नारायणपुर के विषय विशेषज्ञों द्वारा बस्तर संभाग के परिपेक्ष्य में समन्वित कृषि प्रणाली के विभिन्न आयामों जैसे मृदा स्वास्थ्य एवं पोषक प्रबंधन, उद्यानिकी फसल एवं बाड़ी प्रबंध, कृषि प्रणाली, फसल प्रणाली, जलवायु प्रतिरोध कृषि, मृदा एवं जल संरक्षण, लाख पालन, रेशम कीट पालन, मशरूम उत्पादन, मछली पालन एवं प्रबंधन, पशुधन विकास व चारा उत्पादन एवं प्रबन्धन मुर्गीपालन एवं प्रबंधन, कम्युनिकेशन स्किल इत्यादि विषयों पर पॉवर पॉइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रशिक्षणार्थीयों को दी गई। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन आंचल नाग एसआरएफ चिराग परियोजना द्वारा सफलता पूर्वक किया गया। समापन कार्यक्रम में सभी प्रशिक्षु एवं प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। साथ ही प्रशिक्षुओं से प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन एवं प्रतिक्रिया ली। मुख्य अतिथि के संबोधन के बाद कार्यक्रम के अंत में केंद्र के वैज्ञानिक मनीष वर्मा में सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि के अनुमति से कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र नारायणपुर के सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।