रायपुर। ग्राम सुंदरगढ़ की सुमंती ने वर्मी खाद बेचकर खुद के लिए आय का साधन तो सुनिश्चित कर लिया वहीं अपने पति के लिए फेब्रिकेशन दुकान खोलने में मदद कर पूरा परिवार की आजीविका सुनिश्चित की है। आज रामगढ़ में भेंट मुलाकात के दौरान सुमंती ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे गोठान से जुड़कर वर्मी खाद बनाना शुरू की। उनके समूह में 10 सदस्य है। समूह ने 916 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बेचकर 9 लाख 16 हजार रुपये कमाए। इनमें से समूह के प्रत्येक सदस्य को करीब 1 लाख रुपये मिले। इस आमदनी से उन्होंने अपने लिए सिलाई मशीन खरीदी और फिर अपने पति के दुकान खोलने में मदद की। आज फेब्रिकेशन दुकान से भी 10 हजार रुपये मासिक आमदनी हो जाती है। इस तरह गोठान से न केवल से जुड़े सदस्यों का लाभ होता है बल्कि पूरे परिवार की आजीविका सुदृढ हुई है।
इसी तरह ग्राम नटवाही के बाई ने कहा उन्होंने गोबर बेचकर 15 हजार आय सृजित की है। जिससे उन्होंने अपने घर को मरम्मत की।समूह के मध्यम से 600 क्विंटल वर्मी खाद बेचकर 6 लाख रुपये कमाए।जिससे सामुहिक आटा चक्की, और हालर मिल लगाए।इससे हर सदस्य को 5 -6 हजार रुपये प्रति माह मिल जाता है। घुघरा की मंजू राजवाड़े ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने 70 हजार रुपये का गोबर बेचकर अपने बाड़ी में ट्यूबवेल खनन करवाई है। अब बॉडी में हर माह 5 से 6 हजार रुपये का सब्जी बेचती है। फूलकुमारी राजवाड़े ने बताया कि उन्होंने 480 क्विंटल का वर्मी कंपोस्ट बेचकर अपने घर की मरम्मत करवाई।सिलाई मशीन भी खरीदी।