छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों और लकड़ी की अवैध कटाई के मामले की गूंज का उपर तक असर
वन्य जीव के सौदागरों में पूरे प्रदेश में बिछाया जाल, वन विभाग की कथनी और करनी चर्चा में
वन्यजीवों के लिए जंगल में ही पानी की व्यवस्था करनी चाहिए
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। जंगली जानवरों के शिकार से मौत का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 10 दिनों में काफी जंगली जानवर मारे गए इसके पूर्व बाघ की खाल भी बरामद की थी जिसकी हत्या कुछ दिन पहले हा बताया जा रहा है। अब सुकमा जिले में कोतवाली पुलिस ने तेंदुए की खाल के साथ दो आरोपियों को धरदबोचा है। राजनांदगांव, नगरी, कांकेर महासमुंद में लगातार वन्य जीवों के शिकार की घटनाएं सामने आई है। इस सब के पीछे वन विभाग की सुरक्षा के नाम पर लचर व्यवस्था को माना जा रहा है। खबर तो यह भी है कि वन तस्करों ने अपना जाल पूरे प्रदेस में फैला रखा है। पिछले 15-17 सालों से एक ही जगह अंगद के पांव की तरह पैर जमाए अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की हदें पार कर दी है। विभागीय मंत्री को भी सही और स्पष्ट जानकारी नहीं जाती है। हकीकत यह है कि यहां अधिकारियों की ही तूती बोलती है? भाजपा शासनकाल में पदस्थ अधिकारी सरकार के फरमान को भी गंभीरता से नहीं लेते, वनों की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश के बाद भी वन्य जीवों की शिकार के मामले में सजग नहीं है। तापमान बढऩे के साथ वन्य जीवों से भटकने से रोकने वहीं पानी की व्यवस्था वन विभाग को तत्काल करनी चाहिए।
जनता से रिश्ता की खबर का असर
जनता से रिश्ता लगातार वन विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में अवैध कटाी और वन्यजीवों की शिकार की घटनाओं को लाते रहा है। जिसके चलते विभीगीय अधिकारियों ने उपर से निर्देशों को पालन शुरू करते ही धड़ाधड़ कार्रवाई करते हुए 48 नग अवैध सागौैन लकड़ी जब्त किया है। वहीं आरोपी मौका देखकर फरार हो गया। करगी रोड वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. करपीहा गांव के जंगल से 48 नग अवैध सागौन लकड़ी सहित 12 नग साइकिल जब्त की गई है. कोटा वन विकास निगम को मुखबिर से सूचना मिली थी. करपीहा गांव के जंगल से रविवार को लकड़ी तस्करी होने वाली है. सूचना के बाद कार्रवाई की गई. कोटा वन विकास परिक्षेत्र अधिकारी अभिनंदन गोस्वामी ने बताया कि अवैध कटाई को लेकर टीम गठित की गई। मौके से वन अधिकारियों ने सागौन की 48 नग बल्ली और 12 साइकिल जब्त की. अज्ञात आरोपी करपीहा के जंगल से सागौन बल्ली कटाई कर ले जा थे, लेकिन वन अमला ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
कोटा वन विकास निगम डिप्टी रेंजर टीआर कोसिमा की उडऩदस्ता टीम करपीहा की जंगल रवाना हुई. जहां पर उडऩदस्ता की टीम जंगल से तीन रास्ते में अलग-अलग टीम से दो से तीन लोग की ग्रुप बनाई गई. फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी घेराबंदी के लिए बैठे हुए थे, लेकिन तस्करों को उडऩदस्ता टीम की भनक लग गई. अज्ञात आरोपी फरार हो गए. जब्त लकड़ी और साइकिल की कीमत लगभग 15 हजार रुपये आंकी गई है।