यहां के लोगों ने आज तक नहीं देखा था तिरंगा, आज उसी गांव में बना देशभक्ति का माहौल
रायपुर। छग में देश की सबसे लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। ये तिरंगा यात्रा वहां तक पहुंची जहां के लोग आज तक नहीं जानते थे कि तिरंगा क्या है। दरअसल हर घर तिरंगा अभियान में अब तक की सबसे लम्बी तिरंगा यात्रा दोरनापाल से सुकमा तक 36 किमी की तिरंगा यात्रा सीआरपीएफ 223 बटालियन की ओर से निकाली जा रही है। यात्रा में 100 से अधिक जवान शामिल है। जवानों के इस यात्रा को समर्थन देने स्थानीय युवा भी पहुंचे हैं।
उल्लेखनीय है कि देश अपनी आजादी के 75 साल का जश्न मनाने जा रहा है। अमृत महोत्सव की धूम मची है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में ऐसे भी इलाके हैं, जहां के लोगों ने आज तक तिरंगा देखा ही नहीं है। ये इलाके बस्तर के नक्सलगढ़ कहे जाते हैं। यहां पर नक्सलियों की ही चलती है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर नक्सलियों ने पाबंदी लगा रखी है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या राष्ट्रीय पर्व पर यहां काले झंडे फहराए जाते हैं। इन इलाकों में सीआरपीएफ जवान हर घर तिरंगा की मुहिम के साथ दाखिल हुए हैं। पहली बार ग्रामीणों को तिरंगा देकर आजादी और शहीदों का महत्व बता रहे हैं।
यह पहला मौका है जब नक्सलगढ़ के गांवों के हर एक ग्रामीणों के हाथ और घरों में राष्ट्र ध्वज होगा। सीआरपीएफ की 230 बटालियन के कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल, डिप्टी कमांडेंट बलराम और इस बटालियन के जवान ऐसे इलाकों में पहुंचे जहां के कई ग्रामीणों ने अब तक तिरंगा देखा ही नहीं। उनके हाथ में राष्ट्र ध्वज दिया जा रहा है। नक्सलगढ़ में भारत माता की जय जयकार लग रही है। देशभक्ति की भावना जागृत की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत ही खास मौका है। हम अपने घरों में तिरंगा फहराएंगे।