जजों ने बंदियों को बांटे गर्म कपड़े व कंबल, मनोरंजन के लिए प्रदान की खेल सामग्रियां

Update: 2021-12-26 03:39 GMT

बलरामपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी का बहुचर्चित स्लोगन है कि ''पाप से घृणा करें पापी से नही'' आप सभी हमारे समाज के एक अभिन्न अंग है। यह आप लोगों के लिए अत्यंत दुखद समय है कि आप सभी अपने परिवार एवं बाल-बच्चों से दूर हैं। भावावेश में किया गया अपराध हो या सुनियोजित ढंग से किया गया अपराध हो, अपराध तो अपराध होता है। उन्होंने उपस्थित समस्त बंदियों से कहा कि आप जेल में नहीं है आप चिंतन गृह में हैं। सुधारात्मक सिद्धांत का वर्णन करते हुए श्री कुरैशी ने कहा कि जेल को बंदीगृह न समझकर सुधार गृह समझा जाये एवं आप सभी जाने अनजाने हुये अपराधों के कारण यहां आ गये हैं, तो यह स्वयं के प्रति चिन्तन करने का समय है, जब आप इस सुधार गृह से अपने समाज में जाये, तो इस कुण्ठा के साथ जीवन यापन न करें कि आप अपराधी हैं तथा आप जेल की सजा काट के बाहर आये हैं। जब आप इस सुधार गृह से बाहर जाये तो समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का प्रयास करें एवं आपके जीवन का वह मूल्यवान समय जो आपने इस सुधार गृह में व्यतीत किया है। आपकी यह कोशिश होनी चाहिये, कि आपसे दुबारा जाने-अनजाने ऐसी कोई गलती न हो जिससे कि आपके जीवन का वह मूल्यवान समय फिर से व्यर्थ चला जाये। मनुष्य का जीवन तब ही श्रेष्ठ माना जाता है जब वह दूसरो के काम आता है। जब आप यहां से जाये, तो अपने परिवार के साथ अपना ज्यादा समय व्यतीत करें व अपने परिवार के जरूरतों को पूरा करें। अंत में श्री कुरैशी ने उपस्थित बंदियों के समस्याओं को सुना और उनका त्वरित निराकरण हेतु संबंधित को निर्देशित किया।

इसी क्रम में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्रकार ने उपस्थित बंदियों को संबोधित करते हुये कहा कि यह समय आपको अपने किये कर्मों के प्रति चिन्तन करने का है। आप सब भी हमारे भाई बन्धु हैं, जब तक आप इस सुधार गृह में हैं, तब तक यहां उपलब्ध धर्म ग्रधों, साहित्य की किताबों इत्यादि का अध्ययन करें, ताकि आप सही और गलत का फैसला अपने जीवन में लें सके। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सिराजुद्दीन कुरैशी जिला जेल के संरक्षक के रूप में सुविधाओं, रहन-सहन, खान-पान, मनोरंजन के साधन को उत्कृष्ट बनाने में अथक प्रयास कर रहे हैं। महापुरूषों की जीवनी से संबंधित किताबें उपलब्ध कराई है, ताकि आप सभी महापुरूषों की जीवनी को पढकर उनसे प्रेरणा ले व आत्म चिंतन करे। कलेक्टर कुन्दन कुमार की पहल पर जेल में निरूद्ध कैदियों के मानसिक विकास एवं मनोरंजन के साधन हेतु शासन की विभिन्न योजनाओं से संबंधित किताबे एवं खेल सामग्री की व्यवस्था की गई। शासकीय अभिभाषक श्री विपिन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सिराजुद्दीन कुरैशी के द्वारा बंदीगण के सुविधाओं को बेहतर बनाने हेतु अथक प्रयास किया गया है उतना प्रयास शायद ही कही देखा हो। अध्यक्ष जेल का वातावरण कैसे अच्छा हो तथा जेल में बंदियों के सुधार हेतु काम किया जा सके इस हेतु हमेशा प्रयासरत् हैं। कार्यक्रम के अंत में जेल में मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लेते हुये 60 वर्ष से अधिक उम्र के बंदियों को ठंड से बचाव हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में न्यायिक परिवार की ओर से गर्म कपड़े, कम्बल, टोपी, मोजे एवं कैदियों के मानसिक विकास एवं मनोरंजन हेतु बैडमिंटन, शतरंज, लूडो, कैरम, बॉलीबाल, शासन की योजनाओं से संबंधित किताबें, साहित्यिक पत्रिका, महापुरूषों से संबंधित किताबें, व धर्म ग्रंथो का वितरण किया गया। उक्त साक्षरता शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार खाखा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रामानुजगंज निकसन डेविड लकड़ा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेशमा बैरागी सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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