बटन बैटरी को निगल गया था मासूम, डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी कर बचाई जान

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Update: 2023-05-28 02:29 GMT

दुर्ग। भिलाई में एक साल के बच्चे ने खेल-खेल में कॉइन सेल निगल लिया। परिजनों को इसका पता भी नहीं चला था। पेरेंट्स बच्चे को सर्दी-खांसी का इलाज कराने स्पर्श हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। एक्सरे से पता चला कि उसकी आंत में कुछ फंसा हुआ है। इसके बाद बच्चे के पेट से एंडोस्कोपी करके बटन बैटरी को बिना ऑपरेशन के बाहर निकाला। भिलाई तीन निवासी स्वर्णलता ने बताया कि उसके एक साल के बेटे नित्या को करीब दो महीने से सर्दी खांसी और बुखार था। इसलिए वो उसका इलाज कराने के लिए भिलाई स्थित स्पर्श हॉस्पिटल आई थीं। यहां जब बच्चे की जांच की गई तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी आंत में कोई बटन बैटरी जैसा चीज फंसा हुआ है।

परिजनों ने घर में पता किया तो पाया कि वहां रखे टॉय मोबाइल की एक बैटरी गायब थी। परिजन घबरा गए। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे का एंडोस्कोपी किया और बिना ऑपरेशन के उसके पेट से बैटरी को बाहर निकाला। अब नित्या पूरी तरह से ठीक है। बटन बैटरी के चलते उसकी आंत में हल्के घाव हुए थे, जो जल्द ही भरकर ठीक हो जाएंगे।

डॉ. अर्पण जैन ने बताया कि एक साल के बच्चे की आहार और स्वांस नली काफी छोटी होती है। बटन बैटरी को निकालने के लिए जब एंडोस्कोपी की जा रही थी तो सांस न ले पाने से उसका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो जा रहा था। साथ ही आहार नली में जगह कम होने से बैटरी भी नहीं निकल रही थी। इसके बाद डॉक्टर जैन ने पहले उस बैटरी को पीछे धकेलकर पेट में पहुंचाया। इसके बाद एंडोस्कोपी में फंसाकर बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि यह उनके करियर का रेयर केस था, जो सफल रहा।


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