15 साल की बच्ची को परिजनों ने नहीं दी मुखाग्नि, फिर कैसे मिला मोक्ष, जानिए...

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Update: 2022-02-27 17:24 GMT

तिल्दा-नेवरा। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के तिल्दा नेवरा में 15 साल की कनक राठी न केवल जीतेजी अपनों के प्यार से मरहूम रही, बल्कि मौत के बाद भी उसे अपनों का साथ नहीं मिला। उसके अंतिम संस्कार में न पिता पक्ष से कोई आया और न ननिहाल से। उस मासूम का केवल इतना कसूर था, उसके माता-पिता ने अंतरजातीय विवाह किया था।

नरेश मित्र मण्डल के सहयोग से उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसमें ब्रम्हकुमारी बहनों ने उसे मुखाग्नि दी। उस मासूम का केवल इतना कसूर था, उसके माता-पिता ने अंतरजातीय विवाह किया था। कनक की मौत ने समाज व परिजनों के सामने सवाल छोड़ गया है कि आखिर इसमें उनका क्या कसूर था।

नेवरा निवासी कनक के पिता नवीन राठी और मां ममता ने करीब 16 साल पहले प्रेम विवाह किया था। दोनों अलग-अलग समाज से थे, इसलिए उनके समाजवालों और परिवारवालों ने दूरी बना ली। इस दंपती ने एक पुत्री को जन्म दिया, जिसका नाम कनक था।
कुछ साल बाद दोनों पति-पत्नी के बीच अनबन हो गई और अलग हो गए। मुस्कान ब्यूटी पार्लर चलाकर कनक की परवरिश करने लगी। साथ ही, प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र में सेवा कार्य करने लगी।
ट्रेलर की चपेट में आने से हुई थी मौत
कनक बैकुंठ स्थित अल्ट्राटेक स्कूल में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत थी। वह रोज की तरह सुबह 8.30 बजे स्कूटर से स्कूल जा रही थी, तभी तिल्दा-खरोरा रोड में एक ट्रेलर की चपेट में आ गई। इससे उसकी मौत हो गई।
कनक की मृत्यु की सूचना के बाद भी मायके-ससुराल दोनों पक्षों में से किसी का दिल नहीं पसीजा। और कोई अंतिम संस्कार करने सामने नही आया। लेकिन वह प्रतीक्षा करती रही कि कोई तो अपना आ जाये और बेटी को कंधा दे, लेकिन कोई रिश्तेदार नहीं आया।

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