शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आरंग के सतनाम भवन में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मंत्री डॉ.डहरिया ने 29 सेवानिवृत्त शिक्षकों सहित कोरोना काल में असमायिक जान गंवाने वाले 17 शिक्षकों के परिजनों को भी शॉल और श्रीफल से सम्मानित किया। मंत्री डॉ. डहरिया ने इस अवसर पर कहा कि देश के प्रथम उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुझे खुशी है कि मैं भी शिक्षक परिवार का सदस्य हूं और शिक्षकों की समस्या से लेकर उनके सम्मान के विषय में जानता हूं। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों का सम्मान करना मेरे लिए गौरव के साथ भावुक होने का भी पल है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया गया है। शिक्षकों का संविलयन से लेकर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने और स्कूलों में नियुक्ति करने में सरकार का प्रयास निरन्तर जारी रहा। स्वामी आत्मानंद विद्यालय की स्थापना कर अंग्रेजी माध्यम से सर्वसुविधायुक्त पढ़ाई और बस्तर क्षेत्र में बंद हो चुके विद्यालयों का पुनः संचालन भी किया गया। मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि क्षेत्र के शिक्षकों के योगदान से ही आरंग क्षेत्र के विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अपना मुकाम हासिल कर पाते हैं। इसलिए शिक्षकों का सम्मान सदैव करते रहना चाहिए।