कॉलर के झांसे में आया बैंक मैनेजर, ट्रांसफर कर दिए 18 लाख रूपए

छग न्यूज़

Update: 2022-01-27 04:04 GMT

दुर्ग। दुर्ग में SBI के मैनेजर ने बिना जाने-समझे एक अंजान फोन कॉल पर एक बड़े व्यवसायी के खाते से दो अलग-अलग अकाउंट में 18 लाख से अधिक रमक ट्रांसफर करा दी। इसके बाद जब फिर अंजान कॉलर ने और रुपए ट्रांसफर करने की बात कही तो मैनेजर को अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद वह मोहन नगर थाने पहुंचा और मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 420 का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मोहन नगर टीआई जितेंद्र वर्मा ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक एसएमई शाखा अग्रसेन चौक पास स्टेशन रोड दुर्ग के ब्रांच मैनेजर अनुरंजन कुमार प्रजापति ने शिकायत दर्ज कराई है। उसने बताया कि 24 फरवरी की दोपहर 1 बजे उसके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने अपने आप को दुर्ग के कारोबारी कैलाश मध्यानी का पार्टनर वेंकटेश मोटर्स का मालिक बताया। इसके बाद उसने बैंक मैनेजर से उनकी शाखा में FD खोलने की बात कही। कहा कि वह खुद बैंक आएगा।

कुछ देर बाद फिर से उसी व्यक्ति ने ब्रांच मैनेजर के मोबाइल पर कॉल किया। कहा कि वह रास्ते में जरूरी काम से फंस गया है। उसे अर्जेंट में दो बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करवाना है। उसने बैंक मैनेजर को विश्वास में लेते हुए कहा कि वह वेंकटेश मोटर्स के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर दे और वह बैंक आकर उतने रुपए का उन्हें चेक दे देगा। इसके बाद उसने बैंक मैनेजर को मेल पर वेंकटेश मोटर्स और रुपए ट्रांसफर करने वाले दोनों खातों की डिटेल्स भी मेल की। इससे बैंक मैनेजर को विश्वास हो गया। बैंक मैनेजर ने बताया कि जब उसने दोनों बताए खातों में 18 लाख 24 हजार 780 रुपए ट्रांसफर कर दिए तो उसके थोड़ी देर बाद उसी कॉलर का फिर से फोन आया। उसने दो और खातों में आरटीजीएस करने कहा। इस पर बैंक मैनेजर को शक हुआ तो उसने कैलाश मध्यानी को फोन किया। जब कैलाश मध्यानी ने ऐसे किसी भी लेनदेन से इंकार किया। तब जाकर बैंक मैनेजर को ठगे जाने का अहसास हुआ। इसके बाद उसने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।


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