रायपुर। कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुणे में एक कंपनी के 100 पदों के लिए हज़ारों की लाइन लग गई। कुछ 50,000 सरकारी पदों के लिए 20-20 लाख युवा फॉर्म भरते हैं, ट्रेन बसों में खचाखच भर कर परीक्षा देने जाते हैं - और अंत में उसमें भी धांधली हो जाती है।
भारत में भाजपा सरकार के कार्यकाल में बेरोज़गारी संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है। 2017-18 में ही बेरोज़गारी दर 6.1% थी, जो 45 सालों में सबसे अधिक थी। इसका ठीकरा भाजपा कोविड पर नहीं फोड़ सकती। हर 5 बेरोज़गार में से 4 युवा हैं - विश्व के सबसे बड़े demographic dividend की ये साफ साफ बर्बादी है।
भाजपा की "मेक इन इंडिया" पहल ने वादा किए गए रोजगार नहीं दिए। सेना में अग्निपथ के आए जो रोज़गार से ज़्यादा बेरोजगारी बढ़ाने की योजना है। एक तरफ रोजगार सृजन ठप है, दूसरी ओर, नोटबंदी और जीएसटी जैसी खराब नीतियों ने विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में लोगों के रोजगार छीन लिए। इन समस्याओं का समाधान करने के बजाय, सरकार ने बार-बार ध्यान भटकाने और वास्तविक समस्याओं को नज़रअंदाज़ करने का काम किया है। भारत के युवाओं को बेहतर अवसर चाहिए—ऐसी नीतियां जो रोजगार को प्राथमिकता दें, न कि सिर्फ खोखले वादे।