रायपुर। हरूल- हाथी की सुसज्जित प्रतिकृति पर बैठे प्रभावी व्यक्ति ने भंगिमा का प्रदर्शन किया। अर्ध चंद्राकर गोले में रहकर हारुल नृत्य किया जाता है। हारुल अर्थात भगवान श्री गणेश की उपासना नृत्य में की जाती है. भगवान श्री राम के वनवास से आने पर दिए जलाकर स्वागत किया गया था, इसकी मनमोहक प्रस्तुति भी नृत्य के माध्यम से हो रही माता कौशल्या के धाम छत्तीसगढ़ में जीवंत हुआ भगवान राम के स्वागत का दृश्य. इस नृत्य में हाथी पर बैठा व्यक्ति हाथों में कुल्हाड़ीनुमा अस्त्र घुमाते और उसके चारों तरह अन्य नृत्य नाचते हैं। समृद्धि के प्रतीक के रूप में हाथी पर बैठा व्यक्ति फूल और चावल छिड़कते हुए।