शिक्षक भर्ती का मामला: बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर और स्कूल शिक्षा मंत्री के बीच हुई तीखी नोंक-झोंक
रायपुर। शिक्षक भर्ती को लेकर मंगलवार को विधानसभा में जमकर शोर-शराबा हुआ। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षक पदों पर बेरोजगारों की भर्ती कर दी गई, लेकिन तीन साल में दस्तावेजों का सत्यापन तक नहीं हो पाया है। यह मजाक है। इस दौरान पूर्व मंत्री की स्कूल शिक्षा मंत्री से तीखी नोंक-झोंक हुई, और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पूरक सवाल पूछने से मना कर दिया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने हस्तक्षेप कर निर्देशित किया कि समय सीमा में बेरोजगारों की भर्ती सुनिश्चित करें, और इस पर कार्रवाई करने कहा।
प्रश्नकाल में पूर्व मंत्री चंद्राकर के सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने बताया कि व्याख्याता के 2642, शिक्षक के 3473, और सहायक शिक्षक के 4326 पदों पर भर्ती कर नियुक्ति प्रदान किया गया है। यह भी कहा कि दस्तावेजों के सत्यापन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, इसके लिए समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।
चंद्राकर ने जानना चाहा कि दस्तावेजों के सत्यापन की क्या प्रक्रिया है? स्कूल शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि व्याख्याता का डीपीआई में, शिक्षक संवर्ग का संभाग और सहायक शिक्षक का जिला स्तर पर सत्यापन होता है।
पूर्व मंत्री ने पूछा कि सत्यापन के लिए क्या-क्या पेपर लगते हैं, और इसमें कितनी अवधि लगती है? स्कूल शिक्षा मंत्री का स्पष्ट जवाब नहीं आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों के साथ मजाक है, और सरकार तीन साल में एक भी नियुक्ति नहीं कर सकी है। उन्होंने आगे सवाल पूछने से मना कर दिया। पूर्व मंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों पर आरोप लगाए जिसका संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने प्रतिवाद किया।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने चंद्राकर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आप 15 साल में एक भी शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं कर पाए। इस पूरे मामले पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने निर्देश दिया कि समय सीमा के भीतर भर्ती सुनिश्चित करने की कार्रवाई करें।