तांत्रिक ने की 4 लाख की ठगी, घर में धन गड़े होने का झांसा देकर बनाया शिकार

Update: 2022-06-19 10:51 GMT

कांकेर। कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल में तांत्रिक बनकर घर में धन गड़े होने का झांसा देकर चार लाख रुपये के जेवर लेकर दो ठग फरार हो गए। ठगी होने का एहसास होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस थाना दुर्गूकोंदल में दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले में आरोपित ठगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

दुर्गूकोंदल बाजारपारा निवासी हरेश जैन (37) के घर 13 जून 2022 को महाराष्ट्र की ओर से आयुर्वेदिक तेल बेचने वाला एक व्यक्ति आया था। जिससे परिवार के सदस्यों ने घर की समस्या पर बातचीत कर रहे थे। तो उसने बताया कि मैं एक तांत्रिक को जानता हूं और घर की समस्या को हल कर सकता हूं और वह व्यक्ति अपने मोबाइल से तांत्रिक के मोबाईल हरेश जैन से बात कराया। घर में परिवार के सदस्यों की तबियत खराब होना और कई प्रकार की समस्या आने के बारें में तांत्रिक को बताने पर उसने अपने चेले युवराज सोलंकी को हरेश जैन के घर भेजने की बात कही। 14 जून को तांत्रिक का शिष्य हरेश जैन के घर पहुंचा, जिसने अपना नाम युवराज सोलंकी उर्फ गिरी गोस्वामी बताया।

तांत्रिक का शिष्य युवराज उर्फ गिरी गोस्वामी पूजा पाठ करके जांच किया और बताया कि आपकी घर में गा धन हैं। जिसकों निकालने पर आपकी घर की सभी परेशानी दूर हो जायेगा। युवराज गिरी गोस्वामी ने हरेश जैन को फोन पर तांत्रिक से बात कराया तांत्रिक ने घर में धन गड़ा होने और धन निकाल कर घर की परेशानी दूर करने की बात कही थी। साथ ही इसके लिए कुछ सामान की लाने की बात कहकर सामान का लिस्ट दिया। जिसे राजनांदगांव व अन्य जगहों से लगभग 40,000 रूपये का सामन खरीदकर लाए। 17 जून की सुबह आठ बजे युवराज गिरी गोस्वामी काले रंग का सोल्ड पल्सर मोटर सायकल से तांत्रिक को साथ लेकर हरेश जैन के घर पहुंचा।

तांत्रिक बाबा ने अपना नाम किशोर राठौर निवासी बुटीबोरी जिला नागपुर का होना बताया। तांत्रिक ने हरेश और उसके दामाद मोहन लाल पाण्डे के परिवार को बुलाया और पूजा पाठ करके बताया कि घर में धन गड़ा हुआ है, जिसके कारण परेशानी हो रही है। तांत्रिक ने घर कमरे के अंन्दर बिछें फर्श पत्थर को हटाकर जमीन में गड्ढा कराया और परिवार सभी सदस्यों को घर से बाहर जाने के लिए कहा। कुछ देर से बुलाकर गड्ढे में हाथ डालकर हरेश की पत्नी सीमा जैन को सामान निकालने को कहा। तांत्रिक के कहने पर सोने के जेवरात को गड्ढे के अन्दर रखे लाल कपड़ों में डाल दिए। तांत्रिक ने जेवरात रखे लाल कपड़ा को बांध कर सभी को कमरे से बाहर निकालकर कमरा बंद कर दिया। तांत्रिक ने हरेश और उसके दामाद मोहन के साथ गड्ढे को ढंक दिया। साथ ही तांत्रिक ने अन्दर रखे हुए सामान को नहीं छुने से मना कर दिया और कहा था कि ज्यादा सोना चाहिए तो मेरे कहे अनुसार काम करना होगा। तांत्रिक जाते-जाते पूजा में इस्तमाल कांसा का लोटा दो नग, कांसा की थाली दो नग कीमती पांच हजार रूपये, एक मुर्गा को अपने साथ ले गया।

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