प्रचार ठेकेदारों के जलवे, चाय-नाश्ते के साथ मुंहमांगी मजदूरी

चुनाव में प्रत्याशी अपने घोषणा पत्र के अनुरूप दे रहे मेहनताना

Update: 2025-02-09 06:08 GMT

सांकेतिक तस्वीर

> हर वार्ड में जुगाड़ मैनेजमेंट के वाले सोशलवर्कर बन गए है ठेकेदार
> निर्णाण कार्य के लिए नहीं मिल रहे मजदूर, ठेकेदारों के काम ठप
रायपुर। इस बार नगरीय निकाय चुनाव में प्रचार कार्य में जुटे कार्य कर्ताओं के बल्ले -बल्ले है। दोनों प्रमुख पार्टियों के साथ निर्दलीयों ने भी खजाना खोल दिया है। राजधानी के 70 वार्डों में हो रहे चुनावी घमासान में प्रचार कार्य में जुटे कार्यकर्ता मुंहमांगा मजदूरी लेकर चुनाव प्रचार कर रहे है। वही निर्णाण कार्य के लिए ठेकेदारों को मजदूर नहीं मिल पा रहे है। चुनाव में 12 बजे से 6 बजे तक प्रचार करने के 800 की दहाड़ी से मोहल्ले के लोग एक दिन में तीन शिफ्ट में भी काम कर रहे है लगभग 24 सौ रुपए प्रतिदिन कमा रहे है एसे में घर की काम वाली बाइयां भी छुट्टी लेकर चुनाव प्रचार में लग गई है। चावड़ी में मजदूरों का अकाल पड़ गया है।वही रेजा-कुली राजमिस्त्री, हलवाई, आटो वाले लाउडस्पीकर साउंड सिस्टम वालों को इतने काम मिल गए है वो वहीं पंडाल में ही पिछले 11 दिनों से डटे है। कुछ ने तो चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी से एडवांस में पैसे लेकर पार्टी के लिए प्रचार प्रसार में एड़ी चोटी एक कर रहे है। जनता से रिश्ता ने राजधानी के सभी 70 वार्डों में जाकर ग्राउंड रिपोर्टिंग कर चुनावी रणनीति को जानने के कोशिश की । सारे नेता अपने-अपने जीत के लिए आस्वस्त है। वहीं खर्चे में कोई कोताही नहीं बरत रहे है भरपूर खर्च कर चुनाव में अपनी जीत पक्की करने में जुटे हुए है। निगम चुनाव प्रचार अब अंतिम पड़ाव पर है, पूरे शबाब पर दिखाई दे रहा है। बाजार से लेकर कालोनी मोहल्ले में हर जगह या तो लाउडस्पीकर दौड़ रहे है या भीड़ झंडा लेकर अपने नेता के पक्ष में नारे लगाते लोगों को वोट देने प्रोत्साहित कर रहे है। पूरे मोहल्ले में तरह -तरह के झंडे औऱ पोस्टर बैनर लगे है। वही लोगों की भीड़ हर चुनाव कार्यालय के सामने दिखाई दे रहा है। राजधानी पूरी तरह चुनावी रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है। जिस तरह से चुनाव में तांझाम किया जा रहा है उससे तो यही लगता है कि पार्षद प्रत्याशी एक विधानसभा में जितना खर्च होता उतना कर रहा है। चोरों तरफ चुनावी शोर मचा है। प्रचारकों की भीड़ दिन भर कालोनी, मोहल्ले में उत्साह के साथ नाचते गाते लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
निर्दलीय औऱ राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्य़ाशी जो सट्टा जुआ औऱ नशीले पदार्थों? के कारोबारी है वे इश चुनाव में पानी की तरह पैसा बहा रहे है। कई वार्ड में 3 हजार रुपए प्रति वोटर दिए जा रहे हैतो कही एक माह का राशन और साड़ी कपड़ा भी मुफ्त में दिया जा रहा है। उनके प्रचार में महिलाओ्ं के साथ छोटे बच्चे भी चुनावी रैली में बढ़-चढक़र दिख रहे है। प्रत्याशी चाहे पार्टी का हो या निर्दलीय सभी को लगता है अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए रैली और उसमें कार्यकर्ताओ्ं की भीड़ इकटठा करने में जुटे है। नेता लोग अपने कार्यकर्ताओ्ं को जोरशोर से भीड़ बढ़ाने के लिए जुगाड़ मैनेजमेंट का भरपूर उपयोग कर रहे है। ठेकेदार 400-550 पर डे रोजी के हिसाब से भीड़ जुटा रहे है। ठेकेदार जिसे जितना भीड़ चाहिए उसके हिसाब से भीड़ का जुगाड़ कर रहे है। ठेकेदारों पर परहेड 50 से सौ रुपए तक कमीशन मिल रहा है। इस बार चुनाव मैदान में भाजपा-कांग्रेस , शिवसेना आमआदमी पार्टी, बसपा सहित शहर के 70 वार्डों में कुल 306 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। जिसमें 117 निर्दलीय है इनमें कुछ टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट है तो कुछ राजनीतिक समीकरणों को बिगाडऩे के लिए पर्दे के पीछे से रहकर मैदान में अपने लोगों को उतारे है। सभी लोग ठेकेदारों को अपाइंट कर रखा है वो ही पार्टी के लिए भीड़ का जुगाड़ कर भरपूर भीड़ जुटाने में जुटे है। कोतवाली के पास चावड़ी में अब इक्कादुक्का मजदूर ही दिखाई दे रहे है। निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों का टोटा है । ठेकेदारों ने बताया कि चुनाव के बाद ही मजदूर रेजा,कुली मिल पाएंगे। खबर है कि पार्षद औऱ महापौर के प्रत्याशी लोगों को खुश करने के लिए लोगों के घरों में मतदाता के हिसाब से खाने पीने के सामान के साथ मटन चिकन और राशन के साथ नकद भी भेज रहे है। कही -कही सुनाई दे रहा है कि 3-3 हजार नकद दिया जा रहा है । इस बार नगरीय निकाय चुनाव में सभी लाल हो गए है। किसी को भी फुर्सत नहीं है सभी लोग बिजी नजर आ रहे है।
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