माना, नवा रायपुर के गांवों में सटोरियों की घुसपैठ

खुले मैदान में लिख रहे सट्टा-पट्टी, पुलिस बेखबर

Update: 2021-02-11 05:08 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में आए दिन सट्टा का करोबार जोरो से चलते जा रहा है। शहर में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है। लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं।शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसके चलते युवा वर्ग बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पूरा मामला जान कर भी स्थानीय पुलिस मौन धारण किये हुए है। पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। शहर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की कार्रवाई नहीं हो रही है, क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा चलने लगा है, इसकी जानकारी पुलिस को होते हुए भी कोई कार्यवाई नहीं कि जाती हैं। माना जा रहा है कि रायपुर में रोजाना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। शहर में धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के सफेद पोश नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है।

कोड वर्ड में चल रही है बात

पुलिस या कोई खुफियां एजेंसी सट्टोरियों को पकड़ न सकें। इस लिए सट्टोरियों ने कोड वर्ड में बात शुरू कर दी है। इसमें रुपया लगाने से लेकर बॉल और जीत हार की फिक्सिंग के लिए सट्टोरी अलग-अलग कोड वर्ड का इस्तेमाल कर बातचीत कर रहे हैं। इससे पुलिस उनका पता न लगा सके। गौरतलब है, कि कुछ समय पूर्व शहर में जुएं का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था। पूर्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध कारोबार को ध्वस्त किया था। लेकिन वर्तमान में फिर से क्षेत्र में एक बार फिर जुआ माफिया सक्रिय हो गए है। सूत्रों की माने तो इन जुआ माफिया को कुछ सफेदपोश का भी संरक्षण प्राप्त है। शहर में संचालित जुएं के फड़ में दांव लगाने के लिए क्षेत्र के बड़े-बड़े जुआरियों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं अंदेशा लगाया जा रहा है, कि जुएं के बढ़ते व्यापार से शहर में आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है। जुआ माफिया द्वारा संचालित किए जाने वाले जुएं के फड़ में आने वाले जुआरियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाने के नाम पर रुपए लिए जाते हैं। यह रकम जुआरियों से वसूली जाती है। यही नहीं कारोबारी जुए में हारने वाले जुआरियों को मोटे ब्याज पर कर्ज भी मुहैया करवाते हैं। इसी के तहत उधार रुपए देकर मोटे ब्याज में फंसा लिया जाता है। कुछ ही दिनों ने ब्याज मूल रकम से भी ज्यादा हो जाता है, कुछ लोग रकम न चुका पाने व माफिया की प्रताडऩा से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लेते है।

रोजाना सट्टा खेलते युवा और बुजुर्ग

शहर में आईपीएल मैच शुरू होते ही सट्टा का कारोबार भी जोर शोर से चलने लगता है। रायपुर में साइकिल से घूम-घूमकर सट्टा पट्टी लिखी जा रही है। शहर में नया बस स्टैंड, कटोरा तालाब, माना, वीआईपी रोड, राखी के पास खुलेआम सट्टा पट्टी लिखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त कई साइकिल स्टोर, पान ठेला, गुमटी की आड़ में भी सट्टा-पट्टी लिखने का खेल चल रहा है। शहर से जुड़े कई गांवों में भी सट्टा कारोबारी पैर पसार चुके हैं। विडंबना यह है कि सट्टा के इस खेल में युवा और बुजुर्ग बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। अब तो विद्यार्थी, व्यवसायी और महिलाएं भी सट्टा खेलने के लिए पहुंचने लगी हैं।

सट्टा बना नशा

सट्टा एक नशा की तरह होता हैं, पहले लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं फिर बाद में अपनी गाढ़ी कमाई को दोगुना करने के लालच में फंसकर धीरे-धीरे सब कुछ गंवा बैठते हैं। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्रवाई न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगों के हौंसले बुलंद हैं।

सट्टा का बाजार हुआ गरमा-गर्म

शहर में एक बार फिर से सट्टा-बाजार गर्म हो गया है। इस कारोबार में कई सफेदपोश लोग भी शामिल हैं जो कहने के लिए शहर के बड़े व्यापारी हैं और उनका असली काम सट्टे का ही है। इसके अलावा रायपुर के सटोरियों के लिए सट्टा लगाने की व्यवस्था कालीबाड़ी से शुरू कर दी गई है। लोगों ने जब इस संबंध में कुछ सटोरियों से संपर्क साधा तो नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि शहर में इन दिनों चार बड़े बुकी ही बड़े स्तर पर सट्टेबाजी में जुड़े हुए हैं। इनमें से एक का शहर का ज्वेलर्स भी है। इस कारोबारी ने सट्टे का कारोबार माना से लगे इलाके और आसपास के कुछ गांवों में बनाया हुआ है। यहीं से पूरा धंधा ऑपरेट हो रहा है।

चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा खुलेआम चलने लगा

शहर में कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही लगता है कि बड़े खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। रायपुर क्षेत्र में तो ये चलता ही है आजकल आउटर क्षेत्र में भी इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। बड़े खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं रोज हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं।

इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग रायपुर में खुलेआम पट्टी काटकर और मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं। जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। सट्टे के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर बड़े खाईवाल अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं।

जुआ-सट्टा कारोबार जोरों पर हैं

जुएं और सट्टे का कारोबार भी जोरों पर चल रहा है। जुआ माफियाओं ने अपना अड्डा नेहरू नगर और नई बस्ती क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों पर फैलाते हुए अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व शहर में जुएं का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था और इस कारोबार से लगे लोगों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अब दिनदहाड़े जहां खुले मैदानों में सट्टा पर्ची काटी जा रही है, वहीं खुले मैदान के सामने भी सट्टा खिलवाया जा रहा है। कुछ ऐसी तस्वीरें जनता से रिश्ता के कैमरे में कैद हुई है, जिन्हें देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिसिया कार्रवाई कितनी कड़ाई से की जा रही है। एक और जहां सट्टा, जुआ, भू- माफिया के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने का दम भर रही है, वहीं खुलेआम जुआरी और सटोरियों के द्वारा किया जा रहा कारोबार उन दावों का मुंह चिढ़ा रहा है।

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