छत्तीसगढ़ में छात्रों के अजब-गजब कारनामे, माशिमं को मिल रहे ऐसे पत्र

Update: 2021-12-02 03:19 GMT

रायपुर: माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मार्च-अप्रैल में ऑफलाइन मोड में परीक्षा लिए जाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में स्कूल 100 फीसदी क्षमता के साथ खुल चुके हैं। इससे पहले ही माशिम ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना संक्रमण की दर वर्तमान अनुसार रहने पर छात्रों को परीक्षा केंद्र में आकर ही पर्चे हल करने होंगे। बीते दो वर्षों से घर बैठे परीक्षा दिला रहे छात्र इसके लिए तैयार नहीं हैं।

पढ़ाई और परीक्षा से बचने के लिए वे अजीबोगरीब पैंतरे अपना रहे हैं। ऐसे ही छात्रों द्वारा माशिम को पत्र भी भेजा गया है। इसमें परीक्षा न लेने का अनुराेध किया गया है। प्रेषककर्ता के स्थान पर जागरुक पालक साथीगण लिखा हुआ है, लेकिन जिस तरह की भाषाशैली और लिखावट का प्रयोग किया गया है, उससे स्पष्ट है कि इसे छात्रों ने ही लिखा है। डोंगरगढ़, राजनांदगांव के छात्रों ने इसे लिखा है। इसमें छात्रों ने यह भी लिखा है कि प्रायोगिक परीक्षा लेने के लिए वे बाह्य परीक्षक न भेजें, क्योंकि दूसरे स्कूल के शिक्षकों के आने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। असाइनमेंट के 25 प्रतिशत अंक भी अंतिम परीक्षा परिणाम में जोड़ने की गुहार लगाई गई है।
पत्र में छात्रों ने लिखा है, इस वर्ष भी कोरोना पूर्णत: खत्म नहीं हुआ है। कई जिलों में अभी भी केस आ रहे हैं। बोर्ड परीक्षा 21 फरवरी से 15 मार्च तक पूर्ण हो सकती तो अच्छा होता, क्योंकि इसके बाद कोरोना बढ़ जाता है। इसी बीच लोकल कक्षा की भी समय-सारिणी आप जारी कर देते तो अच्छा होता। 10वीं-12वीं के बच्चों को पढ़ने का समय नहीं मिल रहा है। जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा साप्ताहिक टेस्ट लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। विज्ञान व गणित के दुनियाभर के क्विज कराए जा रहे हैं, इससे बच्चे परेशान हैं। इन्हें बंद करके केवल असाइनमेंट जनवरी तक चलना चाहिए।
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