धमतरी। गोधन न्याय योजना के तहत ग्राम अछोटा में संचालित रीपा गौठान का बुधवार को राज्य समन्वयक एवं पंचायत विभाग के संयुक्त सचिव गौरव सिंह निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अन्य गतिविधियों के तौर पर संचालित कार्यों की मौके पर जानकारी ली। जिला पंचायत की सीईओ यादव ने उन्हें बताया कि उक्त गौठान में विभिन्न गतिविधियों के अलावा मछलीपालन, हल्दी उत्पादन और वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि इन कार्यों में गर्मी के उपरांत तेजी लाई जाएगी और उत्पादन कार्य में सतत् विस्तार किया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। राज्य समन्वयक सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्पष्ट निर्देश हैं कि गौठानों में मुख्य कार्यों के लिए अलावा पांच अन्य आजीविकामूलक गतिविधियों का संचालन अनिवार्य रूप से किया जाना है और इसके लिए शीघ्रता से आवश्यक कार्रवाई करें। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, स्थानीय सरपंच मौजूद थे। अपने निरीक्षण के दौरान गौरव सिंह ने रीपा में स्थापित फ्री वाई-फाई जोन में जाकर अपने मोबाइल में कनेक्ट किया और नेट स्पीड प्रशंसा की। इस अवसर पर वहां वाई फाई के जरिए अपने मोबाइल में नेट चला रहे युवक खिलेंद्र देवांगन से चर्चा करते हुए वाई फाई का सदुपयोग करते हुए ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाने की बात कही।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ग्राम अछोटा में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में वाई-फाई सुविधा की शुरुआत की थी। इससे रीपा में कार्यरत लोगों को निःशुल्क इंटरनेट की सुविधा मिल रही है। ग्राम अछोटा रीपा इस सुविधा से लैस जिले का पहला रूरल इंडस्ट्रियल पार्क है। गौरव सिंह ने महिला समूहों के द्वारा संचालित हाथकरघा इकाई, सिलाई कार्य, गढ़ कलेवा तथा वाई फाई जोन का निरीक्षण कर गतिविधियों में विस्तार लाने के निर्देश दिए। हथकरघा इकाई में जाकर समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार किए जा रहे सूती वस्त्र का काम देखा। उन्होंने मांग के अनुरूप हैंडलूम सेट की संख्या बढ़ाते हुए उत्पादन में वृद्धि करने और अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने के निर्देश जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोक्तिमा यादव को दिए। इसके उपरांत वे सिलाई यूनिट में संलग्न समूह की महिलाओं से रु ब रु हुए। जयलक्ष्मी समूह की महिला श्रीमती मंजू ममता देवांगन ने बताया कि समूह की महिलाओं ने बड़ौदा आरसेटी से ट्रेनिंग लेकर अब इलेक्ट्रिक सेविंग मशीन से बल्क में कपड़े की सिलाई कर रही हैं। यह भी बताया कि पहले पैर वाली मशीन से 15-20 कपड़े दिनभर में सिल पाती थी, जबकि अब प्रति सदस्य 30-40 कपड़े आसानी से तैयार कर रही हैं और अब तक लगभग 10 हजार कपड़े सिलकर 60 हजार रुपए की आमदनी समूह को हो चुकी है। इस पर जिला पंचायत की सीईओ ने बताया कि सिलाई यूनिट में इजाफा करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे विस्तारित किया जाएगा। इस दौरान महाप्रबंधक उद्योग सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।