मुस्लिम समाज का छलका दर्द, अल्पसंख्यक आयोग में गैर मुस्लिम चेयरमेन

Update: 2021-11-11 04:44 GMT

सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर निगम-मंडलों में मांगा प्रतिनिधित्व

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुस्लिम समाज के लोगों ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के पद पर समाज के व्यक्ति को नियुक्त करने की मांग की है। वर्तमान में आयोग का अध्यक्ष गैर मुस्लिम समाज से है। मुस्लिम समाज के लोगों ने कांग्रेस हाईकमान और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर समाज के व्यक्ति को आयोग की नुमाइन्दगी सौपने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम समाज हमेशा कांग्रेस के साथ रहा है और समुदाय के वोटरों का समर्थन प्रारंभ से कांग्रेस को मिलता रहा है। बावजूद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के समाज को निगम-मंडलों में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। इससे समाज के लोगों में मायूसी है। कांग्रेस के प्रति वफादार रहने वाले समाज के प्रतिनिधियों ने सोनिया गांधी से मांग की है कि समाज को मुस्लिम कल्याण के लिए बनाए गए निगम-मंडलों में प्रतिनिधित्व दिया जाए जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी समस्याओं का समाधान निकालते हुए समाज के कल्याण के लिए कार्य कर सकें।

समाज के लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजे पत्र में निवेदन के साथ अवगत कराया है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने एक भी मुस्लिम समाज के व्यक्ति को सरकार के किसी भी आयोग, निगम व मंडल में किसी भी बड़े ओहदे पर नियुक्त नहीं किया है। खासतौर पर समाज से संबंधित विभाग जैसै अल्पसंख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी, वक्फ बोर्ड, उर्दू अकादमी में किसी को भी पद से नहीं नवाजा गया है। छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यकों में सर्वाधिक संख्या मुस्लीम समाज के लोगों की है बावजूद अल्पसंख्यक आयोग में मुस्लिम को अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। यह विडंबना है कि भाजपा से ज्यादा कांग्रेस की सरकार में मुस्लिम समाज वंचित है। जबकि मुस्लीमों का एकतरफा वोट हमेशा कांग्रेस को जाता रहा है। समाज के लोगों ने इस पर सोनिया गांधी से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए राज्य सरकार को निर्देशित कर आयोग में मुस्लिम चेयरमेन की नियुक्ति कर समाज में बढ़ रही नाराजगी को दूर करने की मांग की है। पत्र में यह भी कहा गया है कि भाजपा ने अपने शासन काल में गैर मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को ही चेयरमेन बनाया था और उसी तर्ज पर कांग्रेस सरकार ने भी एक गैर मुस्लिम को आयोग का अध्यक्ष बनाकर मुस्लिम समाज की उपेक्षा की है। ऐसे में मुस्लिमो का समर्थन कांग्रेस को मिलता रहे इसके लिए सरकार के निगम-मंडलों में समाज को अधिकाधिक प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है इसके लिए राज्य को सरकार को निर्देशित किया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण के बाद अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। तीन साल के अपने कार्यकाल में इस सरकार ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन के पद पर मुस्लिम समाज के व्यक्ति को नियुक्त किया गया था। इसके बाद भाजपा शासन काल के कुछ वर्षों तक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को ही अल्पसंख्यक आयोग का प्रतिनिधित्व सौंपा गया था उसके बाद क्रिश्चन और सिख समुदाय के व्यक्तियों को आयोग का चेयरमेन बनाया गया था। कांग्रेस की ये परंपरा रही है कि मुस्लिम समुदाय में सर्वाधिक संख्या वाले सुन्नी मुसलमानों को ही आयोग का चेयरमेन का पद दिया जाता है लेकिन कांग्रेस सरकार में गैर मुस्लिम समुदाय से आयोग का चेररमेन बनाए जाने और सुन्नी मुसलमान समुदाय को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से समुदाय के लोगों का दर्द उभर आया है। अपनी इसी पीड़ा से समाज के लोगों और मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया है।

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