गरीब जनता को मारने व सरकार को बदनाम करने वाले माफिया को कब पकड़ोगे साहब!
सुलगते सवाल:- सरकार को बदनाम करने वाले कालाबाजारी माफिया व्यापारी नेता को आखिर कौन बचा रहा ?
कालाबाजारी में पुख्ता सबूते मिलने के बाद भी पुलिस का हाथ खाली
अधिकारी को कालाबाजारियों को बचाने की जिम्मेदारी किसने सौंपी?
कालाबाजारी में आया नया मोड़, व्यापारी नेता को बचाने का रास्ता ढूंढ रही पुलिस
असली के नाम पर नकली रेमडेसिविर कहां-कैसे और किसने बनाया तहकीकात में नया विषय
रायपुर । पुलिस के हाथ करीब-करीब इंजेक्शन माफिया कालाबाजारी के प्रमुख कारोबारी व्यापारी नेता पहुंच गए हैं लेकिन किस कारण से पुलिस उसके दामन में हाथ नहीं डालती, जबकि छत्तीसगढ़ की गरीब जनता की जान को जोखिम में डालने वाला और प्रदेश सरकार को बदनाम करने वाला एक प्रमुख व्यापारी नेता जो अपने आप को प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री और देश के बड़े मंत्री का समर्थक बताने से भी नहीं चूकता और अपने ताकत को पैसे के रसूख से दोनों ही राजनीतिक पार्टी में दम रखने वाला कहा जाता है। यह भी बताया जा रहा है व्यापारी नेता भाजपा से टिकट मांगेगा भाजपा से अगर टिकट नहीं मिलती है तो वह कांग्रेसी पार्टी से चुनाव लड़ेगा, उसने खुला ऐलान कर रखा है और इसी ऐलान के सहारे वह अपनी व्यापारी नेता की दुकानदारी चमका रहा था। पुलिस को रेमडेसिविरि इंजेक्शन के स्टॉकिस्ट से संपूर्ण दस्तावेज जीएसटी परफॉर्मा बिल और पटाया हुआ जीएसटी चालान एवं जीएसटी बिल कंपनी से अब तक मंगाए गए सभी आर्डर की सूची तदुपरांत वितरकों को दिए गए माल की सूची बैच नंबर के आधार पर जीएसटी बिल के आधार पर इसके अलावा मौत के सौदागर व्दारा नकली इंजेक्शन कितना और किस पैमाने में बेचा गया और कहां से रेमडेसिविर कहां निर्माण हुआ । इसकी जांच वितरक और गिरफ्तार आरोपियों से कडी़ से कड़ी पूछताछ करे तो सच सामने आ जाएगा। प्रदेश के चर्चित इंजेक्शन कालाबाजारी कांड के प्रमुख आरोपियों के समर्थकों द्वारा कल जिस हालत में कलेक्टर परिसर में खुलेआम सरकार और प्रमुख मीडिया के लोगों को धमकी चमकी गाली गुफ्तार दी गई उससे तो ऐसा प्रतीत होता है उक्त व्यापारी नेता किसी भी हद तक मीडिया कर्मी को और ड्रग इंस्पेक्टर और पुलिस कर्मचारियों को डरा धमका कर या पैसे के बल पर अपनी जांच को प्रभावित करने में सफल हो सकता है।
कालाबाजारी को जी-जान से बचाने की कोशिश करेंगे
चर्चित पुलिस अधिकारी व्दारा पहले ही हमारे प्रबंध संपादक को स्पष्ट धमकी भरे शब्दों में रू-ब-रू कहा ता कि मैं सीनियर हूं मैं डीजी और आी जी भी नहीं डरता इसका सबूत संबंधित थाने के वीडियो रिकार्डिंग में उपलब्ध होगा। एक चर्चित वरिष्ठ मंत्री के कट््टर समर्थक टीआई स्तर के अधिकारी ने यहां तक कहां कि किसी हद तक भी हमन जाकर हमारे नेता की बात को मानेंगे और उक्त कालाबाजारी करने वाले आरोपियों को जी- जान से बचाने के कर्तव्य का पालन करेंगे । और व्यापारी नेता तक किसी भी हालत में जांच की आंच न आए इसका ख्याल रखने की मुझे जिम्मेदारी मिली है। पुलिस विभाग में मैं सीनियर मोस्ट अधिकारी हूं मेरी बात को हर अधिकारी सुझाव के रूप में लेता है। यह बात उक्ेत अधिकारी ने अपने अधिनस्थ कर्मचारियों के बीच में कही है। सूत्रों से जो जानकारी सामने आ रही है उक्त अधिकारी को वरिष्ठ मंत्री ने खुले हाथ से मनमानी करने के लिए और सरकार को बदनाम करने के लिए चर्चित थाने का अधिकारी बनाया है। ऐसा उक्त अधिकारी का बखान अपने साथियों के बीच में करता रहा है।
6-7 कालाबाजारी निशाने पर
कोरोना संक्रमितों के स्वजनों के रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलाने के एवज में हजारों रुपए वसूलने वाले पांच और आरोपी पुलिस के निशाने पर है। इनमें निजी अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी, दवा दुकानदार और दवा कंपनियों के एमआर शामिल है। पिछले महीने भर से राजधानी पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 23 लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से दर्जनभर से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर कमाए लाखों रुपए बरामद की है। रायपुर पुलिस की टीम ने काफी मेहनत करके रेमडेसिविर इंजेक्शन की दलाली और कालाबाजारी करने वाले युवकों को पकड़ा था। 7 युवकों की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें से दो को जमानत पर अगले ही दिन छोड़ दिया गया। जबकि दूसरी तरफ शहर के सभी समाज के प्रमुखों ने और व्यापारी नेताओं ने राज्य सरकार के आलाधिकारी व मुख्यमंत्री से कालाबाजारी करने वाले आरोपियों को व इस खेल के पर्दे के पीछे बैठा व्यापारी नेता को नंगा कर पोल खोल सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और हत्या के प्रयास का केस दर्ज करना चाहिए। ऐसे कई लोग होंगे जिन्होंने इनसे संपर्क किया होगा और कीमत न दे पाने के कारण इंजेक्शन न मिलने से उनके मरीजों की मौत हुई होगी, यह तो हत्या ही हुई न।
पुलिस सूत्रों की मानें तो कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी बढ़ रही है। पैसा कमाने की होड़ में निजी अस्पताल के कर्मियों, दवा कंपनियों से जुड़े लोग और कुछ छोटे दवा दुकानदार रेमडेसिविर की कालाबाजारी में संलिप्त है। कोरोना मरीज की जान बचाने के लिए स्वजन कालाबाजारियों के चंगुल में फंस कर
चार से दस गुना अधिक दाम पर इंजेक्शन खरीदने के लिए मजबूर कर दिया है। मौदहापारा, सरस्वती नगर, आजाद चौक क्षेत्र में रेमडेसिविर इंजेक्सन की कालाबाजारी करते पकड़े गए राहुल गोयदानी, आयुष माहेश्वरी,कमलेश रतलानी, सुमित मोटवानी, दवा दुकानदार रोहित क्षेत्रपाल वैभव साहू, दवा कंपनी के एजेंट आंकार भोसले से पूछताछ में कुछ लोगों के नाम नाम सामने आए है। पुलिस की टाम निजी अस्पतालों और दवा दुकानों के आसपास सक्रिय कालाबाजारियों पर निगाह रख रही है। मौका मिलते ही दबोचने में पीछे नहीं हटेगी।
अंबिकापुर में कोरोना संक्रमितों के इलाज में प्रयोग में आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी यहां भी शुरु हो गई है। तीन दिन पूर्व रेमडेसिविर के कालाबाजारी की बातचीत का ऑडियो वायरल (Viral Audio) हुआ था। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने ग्राहक बनकर बातचीत की थी।