करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपियों की तस्वीरें देखें, 8 महिलाएं भी
छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर.
रायपुर। रायपुर रेंज पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत 62 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इनमें 3 नाइजीरियाई नागरिक भी शामिल हैं. यह कार्रवाई म्यूल बैंक अकाउंट धारकों, ब्रोकरों और ठगी करने वालों के खिलाफ की गई है. इस ऑपरेशन में लगभग 100 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की 20 से अधिक टीमों ने राजस्थान, ओडिशा, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और महासमुंद सहित 40 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर आरोपियों को दबोचा है. प्रदेश में साइबर अपराध के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अमरेश मिश्रा के निर्देशन में यह ऑपरेशन चलाया गया. साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज म्यूल बैंक अकाउंट की जांच के दौरान इस गिरोह का पता चला. जांच में पाया गया कि इन ठगों ने पीड़ितों से 84 करोड़ 88 लाख रुपये की ठगी की है. पुलिस ने आरोपियों के खातों में जमा ठगी के 2 करोड़ रुपये भी होल्ड करा दिए हैं. यह राशि ठगी के शिकार हुए पीड़ितों के खातों से संबंधित है और इसे जल्द ही वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के थानों में कुल 1435 रिपोर्ट दर्ज हैं और उन्होंने लगभग 84.88 करोड़ रुपये की ठगी की है.
आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर साइबर क्राइम पोर्टल पर म्यूल बैंक अकाउंट्स की जांच की गई, जिसमें 1100 से अधिक संदिग्ध खातों की पहचान की गई. आरोपियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप्स, क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट, और अन्य साइबर अपराधों के लिए इन खातों का इस्तेमाल किया गया था.
कैसे करते थे ठगी
ये साइबर ठग विभिन्न तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाते थे.
डिजिटल अरेस्ट: पीड़ितों को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर डराते थे और आधार कार्ड के दुरुपयोग का झूठा आरोप लगाकर उन्हें 24 घंटे व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर जोड़े रखते थे, जिससे उन्हें डिजिटल रूप से बंधक बना लिया जाता था और फिर उनसे पैसे ऐंठ लिए जाते थे.
शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा: लोगों को शेयर बाजार और क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर भारी मुनाफा कमाने का लालच देकर ठगी करते थे.
गूगल रिव्यू और टेलीग्राम टास्क: लोगों को गूगल पर रिव्यू लिखने और टेलीग्राम पर टास्क पूरा करने के बदले पैसे देने का वादा करते थे और फिर उनसे पैसे ऐंठ लेते थे.
फर्जी ऐप और बैंक केवाईसी अपडेट: फर्जी ऐप के माध्यम से और बैंक केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 3 नाइजीरियाई नागरिक शामिल हैं, जो रायपुर के कलिंगा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहे थे. इसके अलावा, राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के निवासी भी गिरफ्तार किए गए हैं.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई और लोगों के नाम सामने आए हैं, जो इन बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे. दूसरे चरण में उन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. पुलिस बैंकों से भी ऐसे म्यूल अकाउंट की जानकारी जुटा रही है, जिनमें बड़ी मात्रा में या असामान्य ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.