साहित्य वैभव सम्मान से सम्मानित हुए रोशन साहू

Update: 2024-02-28 07:30 GMT

रायपुर। जय जोहार साहित्य संस्कृति संस्थान एवं वैभव प्रकाशन रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 25 फरवरी 2024 को आयोजित पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का आयोजन वृंदावन हॉल सिविल लाईन रायपुर में हुआ। इस कार्यक्रम में 11 पुस्तकों का विमोचन व कलमकारों को स्मृति चिन्ह ,प्रकाशित पुस्तक की प्रति , सम्मान पत्र , शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के साथ ही देश व विदेश में रह रहे भारतीय मूल के रचनाधर्मी गण भी आमंत्रित व उपस्थित थे।

उक्त कार्यक्रम में राजनंदगांव शहर से रोशन साहू मोखला को "साहित्य वैभव सम्मान " से सम्मानित किया गया। रोशन साहू पेशे से शिक्षक हैं साथ ही रचनाधर्मी मानस व्याख्यान लोक संगीत सहित संजीदगी भरे मंच संचालन के लिए जाने जाते हैं। उल्लेखनीय है कि आज की खर्चीली शादी पर उनके द्वारा लिखी और सर्वाधिक सराही जाने वाली समसामयिक रचना " असीस कोन दिही इंहा, सबो बफे मा भुलागे " कविता जिसकी पृष्ठभूमि विवाह है। विवाह के अवसर पर पिता और पुत्री के बीच आंखों ही आंखों में कर्ज लेकर या पैतृक संपत्ति गिरवी रख,या बेचकर की जा रही वैवाहिक खर्च जिससे पिता की आने वाली शेष जीवन की चिंता, किन्तु विवाह समारोह की बाह्य धमाचौकड़ी, बारात स्वागत ,व्यवस्था, दहेज,भोजन की बर्बादी पर मूक संवाद वर्णन है " बरतिया के गोड़ धोवई मा , ददा आज धोवागे ।बिदा ले आघू परघौनी बाप बेटी ला रोवागे ।।" जैसी पंक्तियां झकझोर देती है। साथ ही पिता और पुत्री की अन्य मनोदशा का सजीव वर्णन से आँखें बरबस भर आती हैं इस कविता को जय जोहार ,मया मया अपार साझा काव्य संग्रह में वैभव प्रकाशन ने विशेष रूप से स्थान दिया है।

रोशन साहू को इस अवसर पर जय जोहार संस्कृति संस्थान रायपुर व वैभव पब्लिकेशन द्वारा साहित्य वैभव सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित किए जाने पर अंचल की साहित्यिक संस्थाओं साकेत साहित्य परिषद सुरगी, सृजन साहित्य मंच,पुरवाही साहित्य समिति, सांस्कृतिक संस्थान खुमान साव संगीत अकादमी राजनन्दगांव , मंदराजी लोक कला संस्थान सहित छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन, सांस्कृतिक व साहित्य प्रकोष्ठ जिला साहू संघ राजनन्दगांव के कलमकारों, लोक कलाकारों रचनाधर्मियों सहित शिक्षा जगत ने शुभकामनाएं व बधाई प्रेषित की है।

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