बिलासपुर। गौरेला के चावल मिलर फकीरचंद अग्रवाल ने मार्कफेड में नकली बैंक गारंटी जमा कर एफसीआई के लिए कस्टम मिलिंग के तहत चावल जमा करने में राज्य सरकार को 21.50 करोड़ रुपये की चपत लगाई। इस धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसके बाद अग्रवाल ने पेंड्रा रोड के अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने कठोर टिप्पणी के साथ उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
फकीरचंद अग्रवाल ने जमानत अर्जी में कहा कि पुलिस उन्हें गैर-जमानती अपराध में गिरफ्तार कर सकती है। उनके व्यापारिक प्रतिद्वंद्वियों के मोबाइल पर यह जानकारी प्रसारित की जा रही है कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जेल भेजा जाएगा। अर्जी में कहा गया कि प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, पेंड्रा रोड ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है, जिससे उनकी कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजे जाने की आशंका है। सुनवाई के बाद, अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए आदेश में टिप्पणी की कि आरोपी गंभीर प्रकृति के अपराध में संलिप्त है और जमानत मिलने पर साक्ष्यों के प्रभावित कर सकता है।
मालूम हो कि फकीरचंद अग्रवाल गौरेला के अंजनी गांव में 'श्याम इंडस्ट्रीज' नामक चावल मिल संचालित करते हैं। 3 जनवरी 2023 को उनके दो बेटों गोपाल कृष्ण और आशीष अग्रवाल के साथ भारतीय स्टेट बैंक पेंड्रा रोड के तत्कालीन शाखा प्रबंधक साइप्रियन टोप्पो के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। आरोप है कि इन व्यक्तियों ने कुल 23 फर्जी बैंक गारंटी, जिनकी कुल राशि 21.50 करोड़ रुपये है, जिला विपणन कार्यालय में जमा की और धान उठाया। इस दौरान कुल 61 बैंक गारंटी, जिनकी राशि 44 करोड़ रुपये है, जमा की गई। इनमें से 38 बैंक गारंटी क्षेत्रीय व्यापार कार्यालय, बिलासपुर द्वारा सत्यापित हुईं जबकि 23 फर्जी गारंटियों के आधार पर धान उठाने का मामला सामने आया।
रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले खरीफ वर्ष 2021-22 और 2022-23 में नकली बैंक गारंटी के माध्यम से धान उठाने की घटना सत्यापित पाई गई है। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपते हुए 2022-23 के धान खरीद सत्र में इन मिलों को डीओ न जारी करने और नियमों के अनुसार ब्लैकलिस्ट करने की अनुशंसा की है।