रीजवाना सिद्दीकी की पैतृक जमीन को रसूखदारों के संरक्षण में मुतव्वली ने रातोरात घेरा
निजी ज़मीन पर सरकारी पट्टा ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से बाँटा गया उसी को ख़रीद कर दादागिरी कर रहा है
बैधनाथपारा स्थित जमीन पर बने झोपड़े को किराए का मामला रेंट कंट्रोल कोर्ट में लंबित
समाज में नेकी का पाठ पढ़ाने वाला मुतव्वली लोगों की जमीन पर नाजायज तरीके से कर रहा कब्जा
शरीयत -कानून कायदे के जानकार होते हुए स्वार्थवश जमीन पर बालात कब्जा का मामला
उच्च् न्यायालय छग बिलासपुर स्थगन आदेश तथा स्थानीय न्यायालय के आदेशों के बाद भी मुतव्वली कर रहा कब्जा
पीड़िता के पुलिस थाने में आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं, क्या गंभीर घटना का इंतजार कर रही पुलिस
रायपुर । समाज को नेकी और कानून कायदे के रास्ते पर चलने की नसीहत देने वाले मुतव्वली ही जब राह से भटक जाए तो क्या संदेश समाज में जाएगा। समाज में मुतवव्ली की बात को बहुत अधिक अहमियत दी जाती है। उनके कहे अनुसार समाज में लोग व्यवहार करते है। जब मुतव्वली ही नेकी को छोड़ कर दूसरा रास्ता अपना ले तो समाज दिशाहीन हो जाएगी । मुतव्वली ईमानदारी काम करने और किसी को भी पीड़ा पहुंचाए बिना समाज में खुशियां बांटने का संदेश देकर समाज में एकजुटता बनाए रखते है। लेकिन रायपुर बैधनाथपारा में उल्टा ही चल रहा है। मुतव्वली जैसे गंभीर जिम्मेदार पद पर आसीन अशफाक कुरैशी उर्फ डाक्टर आत्मज शफीक कुरैशी ने अपने पद की गरिमा को तहस-नहस करते हुए बैधनाथपारा स्थित रीजवाना सिद्दीकी पैतृक जमीन जो मदरसा रोड विनार टेलर के सामने स्थित है। अशफाक कुरैशी शहर के कुछ नामचीन रसूखदारों के इशारों पर जमीन पर कब्जा करने का खेल कर रहे है।
पीड़िता रीजवाना सिद्दीकी ने थाना सिटी कोतवाली में लिखित में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वार्ड 41 बैधनाथपारा में मकान लं. 7/343 व 7/348 जो कि वर्तमान खंडहर है उसे पंजीकृत वर्णित बूिम पर उच्च् न्यायालय िबलासपुर का स्टे आर्डर पारित कर न्यायालय को प्रकरण संप्रेसित कर दिया है। रिजवाना सिद्दीकी ने बताया कि उक्त वर्णित भूमि पर अशफाक कुरैशी उर्फ डाक्टर आत्मज स्व. शफीक कुरैशी बिना अनुमति के नगर निगम की नाली के पीछे मेरी वर्णित भूमि पर साफ सफाई करा कर नींव खोदने का काम जेसीबी के माध्यम से दिनांक 28 अक्टूबर 24 से करा रहा हैजिसकी शिकायत थाने में की है। लेकिन पुलिस मे अब तक कोई एक्शन नहीं ली है। शायद अशफाक कुरैशी शहर के कई बड़े रसूखदारौं और पहुंच वालों से जुड़े है इसलिए पुलिस जल्दी एक्शन नहीं कर रही है। रीजवाना सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि इस कब्जे के पीछे कुछ नामचीन लोगों की शह है जिसके कारण धरम इमान का काम करने वाला मुतव्वली उनके झांसे में आकर बेइमानी पर उतर आया है। रीजवाना सिद्द्की ने बताया कि हमने अपनी पैतृक जमीन को सुरक्षा की दृष्टि से उत्कल समाज के 11 लोगो को वहां बने झोपड़ी में रहने दिए थे, उनहें खाली कराने रेंट कंट्रोल रायपुर व सिविल कोर्ट रायपुर में प्रकरण लंबित है। तथा न्यायालय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग -1 के पंचम अतिरिक्त न्यायाधीश रायपुर व्दारा मेरे प्रस्तुत आवेदन अंर्तगत आदेश 31 िनयम 1 व 2 को स्वीकार करते हुए उक्त वादग्रस्त मकान पर अशफाक कुरैशी उर्फ डाक्टर के विरूद्धअस्थायी निषेधाज्ञा 15 फर. 2022 को व्यवहार वाद क्रमांक 44अ/20222 व्दारा दिया गया एवं अशफाक कुरैशी उर्फ डाक्टर को उक्त मकान में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप करने से निषेधित किया गया है। उच्च् न्यायालय छग बिलासपुर स्थगन आदेश तथा स्थानीय न्यायालय के आदेशों के उपरांत कोरोना का लाभ उठाते हुए न्यायालयों के आदेशों का अवमानना करते हुए वर्णित झोपड़ों को ध्वस्त करा दिया गया है।
उपरोक्त ज़मीन पर पूर्व से बने झोपड़ियों किराएदारों को ज़मीन मालिक ने किराया पर दे रखा लेकिन पिछली सरकार में नेतागिरी का झोपड़ियों को पट्टे अवैध रूप से आवंटित किया गया फिर उपरोक्त पट्टों को अशफाक द्वारा ख़रीदा जाना बताता है छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता के अंतर्गत किसी की भी निजी भूमि पर सरकार द्वारा गलती से पट्टे बाँटे जाते उसे भी अवैध माना गया है और राजस्व प्रकरण में अधिकांश निजी भूमि में बाँटे गए पट्टे विगत कई सालों से निरस्त माने गए लेकिन पिछली सरकार के पायजामा छाप नेताओं ने निजी भूमि को क़ब्ज़ा करने का नया तरीक़ा अपनाकर शहर में डॉन गिरी को बढ़ावा दिया
अनुचित लाभ उठाना चाह रहा
दिनांक 28/10/2024 को, वर्णित भूमि जिसका प्रकरण न्यायालय में लंबित है उसको जानबूझ कर अनदेखी करते हुए नींव खुदाने का काम अशफाक कुरैशी उर्फ डॉक्टर करा रहा है। वह व्यक्ति जानता है कि रायपुर राजधानी में दीपावली तथा छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस मिलाकर छ.ग. शासन द्वारा अवकाश घोषित होने के कारण समस्त कार्यालय व न्यायालय बंद रहेंगे उस का भरपूर अनुचित लाभ उठाना चाह रहा है।
वह व्यक्ति अर्थात अशफाक कुरैशी उर्फ डॉक्टर मस्जिद का मुतवल्ली (संरक्षक) है। जबकि मुतवल्ली (संरक्षक) नियम, कायदा कानून जाने वाला एवं शरीयत के जानकार को ही चुना जाता है। यह कैसा मुतवल्ली (अभिभावक) है जो नियमों को अनदेखी करते हुए नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। रीजवाना सिद्द्की ने बताया कि मैं वरिष्ठ नागरिक हूं मेरी अवस्था 78 वर्ष सेवानिवृत कर्मचारी हूं पति भी 90 वर्ष सेवानिवृत शासकीय कर्मचारी हैं। पुत्र का ब्रेन ट्यूमर ऑपरेशन के कारण शारीरिक रूप से अस्वस्थ है।
अतःथाना प्रभारी से आग्रह है कानून व्यवस्ता को बनाए रखते हुए अशफाक कुरैशी को नियम विरूद्ध अनुचित कार्य पर तत्काल प्रतिबंध लगाने अनुशंसित करें और न्यायालय के आदेशों का पालन कराएं। न्यायालयों के पारित आदेशों की छाया प्रतियां संलग्न है।